मुख्यमंत्री ने दिल्ली एम्स में फोन कर ली शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की जानकारी, डॉक्टर को समुचित इलाज का दिया निर्देश
पटना। बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। उनके स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्तिगत रूप से उनकी स्थिति का जायजा लिया और फोन पर डॉक्टरों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही, मुख्यमंत्री ने एम्स के डायरेक्टर और शारदा सिन्हा के बेटे से बात कर उनके स्वास्थ्य के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। शारदा सिन्हा को भारतीय लोक संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम माना जाता है। उनकी गायकी ने न केवल बिहार बल्कि समूचे भारत में उनकी लोकप्रियता को बढ़ाया है। उन्होंने भोजपुरी और हिंदी फिल्मों में अपनी आवाज से श्रोताओं का मन मोह लिया है और भारतीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पद्मभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा अपने गीतों में भारतीय परंपरा और संस्कृति को दर्शाने के लिए जानी जाती हैं। उनके स्वास्थ्य की खबर मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न केवल दिल्ली एम्स के अधिकारियों को विशेष ध्यान देने को कहा, बल्कि बिहार के रेसिडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार को भी उनके इलाज के समुचित प्रबंध की देखरेख करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की इस तत्परता से यह स्पष्ट होता है कि वे शारदा सिन्हा जैसे कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके योगदान को गहराई से समझते हैं। शारदा सिन्हा बिहार की सांस्कृतिक धरोहर मानी जाती हैं, और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना बिहार के नागरिकों सहित सभी भारतीयों की है। इस दौरान जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने भी शारदा सिन्हा के परिवार से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। संजय झा ने ट्विटर पर एक संदेश के माध्यम से शारदा सिन्हा के जल्द ठीक होने की कामना की और बताया कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में उनके इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उनके इस संदेश के बाद आम जनमानस में भी यह संदेश गया कि बिहार सरकार अपने कलाकारों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है। शारदा सिन्हा की पहचान उनके गीतों से है, जो खासकर छठ पर्व और अन्य पर्व-त्योहारों पर अत्यधिक लोकप्रिय होते हैं। उनके गीतों में जिस तरह की सांस्कृतिक झलक दिखाई देती है, उससे न केवल बिहार के लोग बल्कि अन्य राज्यों के लोग भी प्रभावित होते हैं। उनके गीतों में एक ऐसा अपनापन है, जो हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उनकी लोकप्रियता का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि उन्होंने अपनी कला के माध्यम से बिहार की परंपरा और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया है। उनके गीतों में भारत की जड़ों से जुड़े रहने की भावना है, जिसने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस तरह व्यक्तिगत रुचि लेकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेना इस बात का परिचायक है कि बिहार सरकार अपने प्रख्यात कलाकारों के प्रति संवेदनशील है। यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल है कि वे अपने कलाकारों के प्रति इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाएं। इस घटना से यह भी प्रतीत होता है कि बिहार की संस्कृति और लोक संगीत की धरोहर को संरक्षित रखने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करती है। इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री के साथ ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अन्य नेताओं ने भी शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की निगरानी रखने में तत्परता दिखाई। संजय झा का परिवार से संपर्क और उनके प्रति चिंता व्यक्त करना इस बात का द्योतक है कि पार्टी में भी शारदा सिन्हा के प्रति गहरी संवेदनशीलता है। पार्टी के अन्य सदस्यों और बिहार के निवासियों ने भी सोशल मीडिया पर शारदा सिन्हा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना व्यक्त की। शारदा सिन्हा के प्रति इस तरह का आदर और सम्मान उनके कला और संगीत में दिए गए योगदान को दर्शाता है। उनके संगीत ने भारतीय समाज में एक खास छाप छोड़ी है, और ऐसे समय में जब वे स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही हैं, उनके प्रति सहानुभूति और समर्थन दिखाना एक सराहनीय कदम है। यह घटनाक्रम बिहार के लोगों के लिए प्रेरणादायक है कि उनके सांस्कृतिक कलाकारों का इतना सम्मान किया जाता है। शारदा सिन्हा की बीमारी की खबर ने उनके प्रशंसकों को चिंतित कर दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी टीम की ओर से उठाए गए कदमों ने लोगों में एक विश्वास का संचार किया है कि उनके आदरणीय कलाकार का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है।