December 3, 2025

इंडिया गठबंधन में रहते नीतीश ने पहले उठाया जातीय गणना का मामला, राहुल और ममता ने किया विरोध : विजय चौधरी

पटना। बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा देश में जातीय जनगणना कराने के फैसले का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इस मुद्दे पर असली पहल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। उनका कहना है कि जातीय गणना की मांग सबसे पहले नीतीश कुमार ने उठाई थी, जिसे बाद में विपक्षी दलों ने समर्थन जरूर दिया, लेकिन इसकी शुरुआत का श्रेय सिर्फ नीतीश कुमार को जाना चाहिए।
2019 से शुरू हुई थी नीतीश की पहल
विजय चौधरी ने बताया कि 2021 की जनगणना से पहले ही 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना की मांग केंद्र सरकार से की थी। यह मांग न केवल सार्वजनिक रूप से उठाई गई थी, बल्कि बिहार विधानसभा में इसे सर्वसम्मति से पारित भी किया गया था। उस समय केंद्र और राज्य दोनों में एनडीए की सरकार थी। इसके बाद 2021 में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना की मांग को दोहराया। उस समय प्रधानमंत्री ने यह संकेत दिया था कि राज्य सरकारें अपने स्तर पर इस पर काम कर सकती हैं।
बिहार में जातीय गणना कराकर दिया उदाहरण
नीतीश कुमार ने केंद्र की अनुमति का इंतजार किए बिना बिहार में राज्य स्तर पर जातीय जनगणना कराई। इस प्रक्रिया को लेकर जब अदालत में चुनौती दी गई तो राज्य सरकार ने पूरी ताकत से कानूनी लड़ाई लड़ी और इसे जारी रखा। विजय चौधरी ने स्पष्ट किया कि यह नीतीश कुमार की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का परिणाम था कि बिहार में यह कदम उठाया जा सका। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है, ताकि इसे किसी प्रकार की कानूनी बाधा न रोके।
विपक्ष पर श्रेय लेने का आरोप
विजय चौधरी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पहले जातीय जनगणना के खिलाफ थे, वे अब इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन में इस मुद्दे को प्रमुख एजेंडा बनाने की बात की थी, तो राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था। अब जब केंद्र सरकार ने इसे मान लिया है, तो कांग्रेस इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।
नीतीश को बताया देश को दिशा देने वाला नेता
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार ने जो पहल की, अब वह पूरे देश में लागू हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो बीड़ा उठाया, आज वही नीति केंद्र सरकार अपना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की कार्यशैली को उन्होंने देश को नई दिशा देने वाला करार दिया। विजय चौधरी ने अंत में यह भी कहा कि देश में जातीय जनगणना के फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी को जरूर याद किया जाएगा, लेकिन इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार को इतिहास हमेशा सम्मान के साथ याद रखेगा। जातीय जनगणना को लेकर बिहार से शुरू हुई मुहिम अब राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पा रही है। यह मुद्दा सामाजिक न्याय और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक दृढ़ता ने इस मुद्दे को न केवल राष्ट्रीय बहस का विषय बनाया, बल्कि उसे अमल में लाकर एक मिसाल भी पेश की है।

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