भाकपा माओवादी संगठन व उसके शीर्ष उग्रवादियों के खिलाफ एनआईए ने दर्ज की एफआईआर

रांची । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भाकपा माओवादी संगठन व उसके शीर्ष उग्रवादियों के खिलाफ नई एफआईआर कराई है। एनआईए ने इसमें फरवरी 2019 में तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा को भी आरोपी बनाया है। झारखंड पुलिस ने आत्मसमर्पण से पहले सुधाकरण पर एक करोड़ जबकि नीलिमा पर 25 लाख का इनाम रखा था। एनआईए ने लातेहार के गारू थाना में दर्ज केस में जांच के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर एनआईए ब्रांच रांची में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एनआईए ने तेलंगाना में जाकर सरेंडर करने वाले एक करोड़ इनामी सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा समेत 11 नामजद और 110 अज्ञात माओवादियों को आरोपी बनाया है। एनआईए ने आईपीसी की धारा 120इ, आर्म्स एक्ट 25(1-अ) 26(2) 35, सीएलए की धारा 17 और यूएपीए की धारा 16, 20, 23 के तहत् मामला दर्ज किया है। इसकी जांच एनआईए के डीएसपी रैंक के अधिकारी अमरनाथ अग्रे को दी गई है।

ये है मामला
साल 2017 में भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुधाकरण के भाई बी. नारायण रेड्डी व दोस्त सत्यनारायण रेड्डी को रांची पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को 25 लाख रुपये नकद और आधा किलोग्राम सोना के साथ के रांची के पटेल चौक से गिरफ्तार किया था। इस मामले में रांची के चुटिया थाना में केस संख्या 180/2017 दर्ज हुआ था। जिसे एनआईए ने 31 अक्टूबर 2017 को टेकओवर करते हुए केस संख्या आरसी 14/2017 दर्ज किया था। मामले के अनुसंधान के दौरान एनआईए ने गुमला जिले के बिशनपुर के रहने वाले नक्सली समर्थक प्रभु साव को गिरफ्तार किया था। प्रभु साव ने एनआईए को जानकारी दी थी, कि भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुधाकरण लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र स्थित रूप पंचायत के जंगल में 100 से अधिक नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। इसके बाद एनआईए ने प्रभु साव की निशानदेही पर रुद्रा गांव के जंगल में छापेमारी कर एसएलआर के 13 राउंड गोली व नक्सली साहित्य बरामद किया था। गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने इस मामले को टेकओवर कर मामले की जांच शुरू की है।

ये हैं आरोपी
एनआईए ने इस मामले में सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा समेत प्रभु साव, बलराम उरांव, छोटू खेरवार, प्रदीप चेरो, नीरज जी, रविंद्र गंझू, मृत्युंजय जी, विश्राम उरांव और मनोज सिंह को नामजद आरोपी बनाया है। इसके अलावा एनआईए ने 110 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया है।

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