वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे में खेली 190 रनों की शानदार पारी, घरेलू क्रिकेट में बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड
पटना। भारतीय क्रिकेट में प्रतिभाओं की कमी नहीं रही है, लेकिन कभी-कभी कोई ऐसा खिलाड़ी सामने आता है, जो उम्र की सीमाओं को तोड़ते हुए अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका देता है। 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी भी ऐसे ही असाधारण प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं। कम उम्र में ही उन्होंने घरेलू क्रिकेट, आईपीएल और जूनियर स्तर पर अपने खेल से यह साबित कर दिया है कि वे भविष्य के बड़े सितारों में शामिल हैं। अब विजय हजारे ट्रॉफी में खेली गई उनकी 190 रनों की ऐतिहासिक पारी ने उन्हें न सिर्फ सुर्खियों में ला दिया, बल्कि विश्व क्रिकेट के रिकॉर्ड बुक में भी उनका नाम दर्ज करा दिया है।
विजय हजारे ट्रॉफी में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन
विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के प्लेट ग्रुप मुकाबले में बिहार की ओर से खेलते हुए वैभव सूर्यवंशी ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ जो पारी खेली, वह लंबे समय तक याद रखी जाएगी। उन्होंने महज 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 226 से भी अधिक रहा, जो लिस्ट ए क्रिकेट के लिहाज से बेहद असाधारण है। इस पारी में उन्होंने चौकों और छक्कों की ऐसी बरसात की कि विपक्षी गेंदबाज पूरी तरह बेबस नजर आए। मैदान के चारों ओर गेंद पहुंचती रही और दर्शक इस युवा बल्लेबाज के तूफानी अंदाज के गवाह बनते रहे।
चौकों-छक्कों की झड़ी और आक्रामक बल्लेबाजी
वैभव सूर्यवंशी की इस पारी की सबसे खास बात उनकी बेखौफ बल्लेबाजी रही। उन्होंने 16 चौके और 15 छक्के जड़ते हुए गेंदबाजों पर पूरी तरह दबाव बना दिया। शुरुआत से ही उनका इरादा साफ था कि वे हर गेंद पर रन बनाने की कोशिश करेंगे। चाहे स्पिन हो या तेज गेंदबाजी, वैभव ने सभी को समान आत्मविश्वास के साथ खेला। उनकी टाइमिंग और शॉट सिलेक्शन ने यह दिखाया कि वे केवल ताकत के भरोसे नहीं, बल्कि तकनीक और समझदारी के साथ बल्लेबाजी करते हैं।
लिस्ट ए क्रिकेट में नया विश्व रिकॉर्ड
इस पारी के दौरान वैभव सूर्यवंशी ने लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे कम गेंदों में 150 रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। उन्होंने मात्र 54 गेंदों में 150 रन पूरे किए और इस मामले में दक्षिण अफ्रीका के महान बल्लेबाज एबी डिविलियर्स को पीछे छोड़ दिया। डिविलियर्स ने लिस्ट ए क्रिकेट में 64 गेंदों में 150 रन बनाए थे। वैभव ने 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और इसके बाद तेजी से रन बनाते हुए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। हालांकि वे सबसे कम गेंदों में डबल सेंचुरी बनाने से चूक गए, लेकिन उनकी पारी का प्रभाव इससे कम नहीं हुआ।
कम उम्र में बड़ी उपलब्धि
वैभव सूर्यवंशी की इस पारी की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि उन्होंने यह कारनामा मात्र 14 साल की उम्र में किया है। वे लिस्ट ए क्रिकेट में 200 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से सबसे बड़ी पारी खेलने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इतनी कम उम्र में इस स्तर का आत्मविश्वास और निरंतरता दिखाना किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद खास माना जाता है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पारियां केवल प्रतिभा से नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से संभव होती हैं।
अब तक का शानदार क्रिकेट सफर
वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट सफर अब तक बेहद प्रभावशाली रहा है। उन्होंने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा, इसके बाद इंडिया की जूनियर टीमों के लिए खेलते हुए भी लगातार रन बनाए। यूथ वनडे, यूथ टेस्ट, इंडिया ए, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, अंडर-19 एशिया कप और अब विजय हजारे ट्रॉफी में शतक जड़कर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वे हर फॉर्मेट में खुद को ढाल सकते हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में यह उनका पहला शतक था, लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने इसे हासिल किया, उसने उन्हें खास बना दिया।
भविष्य की संभावनाएं और उम्मीदें
वैभव सूर्यवंशी की इन पारियों को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भारतीय क्रिकेट टीम से ज्यादा दूर नहीं हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की सबसे बड़ी ताकत उनकी आक्रामक सोच और तेजी से रन बनाने की क्षमता है। मौजूदा दौर के क्रिकेट में ऐसे बल्लेबाजों की काफी मांग है, जो किसी भी समय मैच का रुख बदल सकें। अगर वैभव इसी तरह निरंतर प्रदर्शन करते रहे और फिटनेस व तकनीक पर काम करते रहे, तो आने वाले वर्षों में वे भारतीय क्रिकेट का बड़ा चेहरा बन सकते हैं।
घरेलू क्रिकेट के लिए प्रेरणा
वैभव सूर्यवंशी की यह पारी सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह घरेलू क्रिकेट में उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है। उन्होंने यह दिखाया है कि उम्र केवल एक संख्या है और अगर प्रतिभा के साथ मेहनत जुड़ जाए, तो कोई भी रिकॉर्ड बनाया जा सकता है। उनकी 190 रनों की पारी ने घरेलू क्रिकेट को नई पहचान दी है और यह संदेश दिया है कि भविष्य सुरक्षित हाथों में है।


