PATNA : नेशनल सिल्क एक्सपो शुरू, मिल रहा सिल्क साड़ियों का लुभावना कलेक्शन
पटना। राजधानी पटना के तारामंडल में नेशनल सिल्क एक्सपो शनिवार से शुरू हो गया है। 16 मार्च तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में तरह-तरह के डिजाइंस, पैटनर्स, कलर कंबीनेशन साड़ियों का व्यापक खजाना है, साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों से आए बुनकरों द्वारा तैयार सिल्क साड़ियों का लुभावना कलेक्शन मिल रहा है।
ग्रामीण हस्तकला की ओर से आयोजित इस एक्सपो में गुजरात की डबल इक्कत हैंड मेड पटोला साड़ी उपलब्ध है, जो 8 महीने में तैयार होती है, इसे दो बार बुना जाता है। हर धागे को अलग से कलर किया जाता है, प्योर सिल्की होने की वजह से या इतनी महंगी होती है। महाराष्ट्र की पैठणी साड़ियों में गांव का परिवेश है तो वहीं राजा महाराजाओं का राजसी अंदाज तो कहीं मुगल काल की कला है। शादी सीजन जैसे खास मौके पर पहने जाने वाली भागलपुर सिल्क साड़ी भी यहां उपलब्ध है। तमिलनाडु की प्योर जरी वर्क की कांजीवरम साड़ी भी महिलाओं को पसंद आ रही है। सोने और चांदी के तारों से बनी इस साड़ी को कारीगर 30 से 40 दिन में तैयार करते हैं। मैसूर सिल्क साड़ियों के साथ ही क्रेप और जॉर्जेट सिल्क, बिहार का टशन सिल्क, आंध्र प्रदेश का उपाड़ा, उड़ीसा का मूंगा सिल्क भी बुनकर लेकर आए हैं, जिसे तारामंडल में लगी हुई नेशनल सिल्क एक्सपो सेल में प्रदर्शित किया जा रहा है।