मुजफ्फरपुर आंखफोरवा कांड : पीड़ितों से मिला LJP (R) का जांच दल, पीड़ितों ने बिलखते हुए कहा- कहां जाएंगे, क्या करेंगे, दुनिया अंधेरा हो गया

पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान के निर्देशानुसार चार सदस्यीय जांच दल मुजफ्फरपुर पहुंच कर आंखफोरवा कांड का विस्तृत जानकारी लिया। जांच दल में पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा, पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रेणु कुशवाहा, डॉ. शाहनवाज कैफी और प्रधान महासचिव संजय पासवान शामिल थे। जांच दल मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग में जाकर वहां भर्ती रोगियों से मिला। उनकी पूरी स्थिति का जायजा लिया।
जांच दल ने घटना को ह्दय विदारक बताया और कहा कि इससे बड़ा अमानवीय घटना कुछ हो ही नहीं सकता है। अस्पताल में भर्ती मीणा देवी, कौशिल्या देवी, हरेन्द्र रजक, शत्रुध्न महतो सहित कई रोगी जिनका आंख निकाल लिया गया, जिसके कारण अंधा हो गये। पीड़ितों ने बिलख-बिलख कर रोते हुए कहा कि जिस आंख में मोतियाबिंद था, उसका आॅपरेशन नहीं करके दूसरा आंख का आॅपरेशन कर दिया और आंख निकाल दिया। अब कुछ दिखता ही नहीं है। कहां जाएंगे, क्या करेंगे, दुनिया अंधेरा हो गया।
जांच दल ने कहा कि आई हॉस्पिटल जूरन छपरा मुज्जफरपुर में 22 और 26 नवंबर को 65 लोगों का मोतियाबिंद का आॅपरेशन किया गया था, जिसमें 61 लोगों का आंख निकाल दिया गया। इंफेक्टेड स्टूमेंट अनुभवहीन डॉक्टर और कम्पाउडर साथ ही खराब दवा के कारण लोगों को आंख गंवानी पड़ी है।
जांच दल ने पीड़ितों को 50-50 लाख रुपया मुआवजा देने, उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी देने और दोषी चिकित्सक के विरुद्ध मुकदमा चलाने और उनका सर्टीफिकेट रद्द करने की मांग किया। उक्त आशय की जानकारी युवा (रामविलास) के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने दिया।

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