October 29, 2025

पटना में श्राद्धभोज के विवाद में हत्या, ममेरे भाई ने फुफेरे भाई को मारी गोली, वारदात के बाद फरार

पटना। जिले के पालीगंज थानाक्षेत्र के माधमा गांव में शुक्रवार की शाम एक पारिवारिक विवाद ने भीषण रूप ले लिया और इसका परिणाम एक युवक की मौत के रूप में सामने आया। घटना नाना के श्राद्धभोज के दौरान घटी, जहां मामूली विवाद ने हत्या का रूप ले लिया। मृतक की पहचान नौबतपुर थाना क्षेत्र के अनंतपुर गांव निवासी शैलेंद्र कुमार यादव के रूप में हुई है। वहीं आरोपी ममेरा भाई प्रियरंजन यादव घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवार में महत्व और सम्मान को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था। प्रियरंजन को लगता था कि शैलेंद्र को रिश्तेदारों और परिवार में अधिक महत्व दिया जा रहा है जबकि उसे नज़रअंदाज़ किया जाता है। इसी कारण वह अंदर ही अंदर परेशान और असंतुष्ट रहता था। श्राद्धभोज के अवसर पर जब सभी लोग इकट्ठे हुए, तो इस विषय को लेकर दोनों भाइयों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में आकर प्रियरंजन ने शैलेंद्र के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही शैलेंद्र की मौके पर मौत हो गई और गांव में अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद प्रियरंजन वहां से फरार हो गया। पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपी की पहले से ही आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। पालीगंज थाने में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह जेल भी जा चुका है। कुछ महीने पहले ही वह जेल से छूटकर बाहर आया था। आपराधिक छवि और पूर्व के मामलों के कारण ही परिवार के लोग उसे कम महत्व देते थे। इसी उपेक्षा ने उसके भीतर नाराजगी और असंतोष को जन्म दिया, जो अंततः इस भयावह वारदात का कारण बना। घटना की जानकारी मिलते ही पालीगंज थानाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह हत्या पारिवारिक और आपसी विवाद का नतीजा है। फिलहाल मृतक के परिजनों द्वारा कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए पटना एम्स भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। माधमा गांव में घटी इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। जहां एक ओर श्राद्धभोज जैसे धार्मिक और पारिवारिक कार्यक्रम में सभी परिजन शांति और श्रद्धा के साथ जुटे थे, वहीं दूसरी ओर आपसी ईर्ष्या और तनाव ने इसे मातम में बदल दिया। घटना के बाद गांव में गम और खौफ का माहौल है। यह मामला स्पष्ट करता है कि पारिवारिक कलह और सम्मान को लेकर बढ़ती संवेदनशीलता किस तरह रिश्तों को तोड़कर हिंसा का रूप ले लेती है। प्रियरंजन की आपराधिक प्रवृत्ति और उपेक्षा की भावना ने उसे इतना आक्रामक बना दिया कि उसने अपने ही रिश्तेदार की जान ले ली। वर्तमान में पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी हुई है और गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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