मुगलों के बहाने राजपूतों का इतिहास मिटाना चाहती है भाजपा- सिद्धार्थ क्षत्रिय

पटना।एनसीईआरटी के पाठ्यक्रमों से मुगलों के इतिहास हटाकर केन्द्र की भाजपा सरकार राजपूतों के पराक्रम को खत्म कर देना चाहती है। चूँकि भारत वर्ष में मुगलों और विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध राजपूतों ने ही युद्ध लड़ा। इसलिए मुगलों के इतिहास हटाते ही स्वतः राजपूतों का इतिहास खत्म हो जायेगा। यह बातें कांग्रेस नेता और क्षत्रिय सेवा दल के अध्यक्ष सिद्धार्थ क्षत्रिय ने अपने वक्तव्य में कहे। मेवाड़ के राजा राणा संग्राम सिंह उर्फ राणा सांगा 1509 ई0 से 1528 ई० तक प्रवल क्षत्रिय राजा के रूप में शासन किया। उन्होंने सुल्तान मोहम्मद शासक माण्डू को युद्ध में हराने व बंदी बनाने का काम किया। इन्होंने राजपूतों को एक कर बाहरी आक्रमणकारियों से भारत को सुरक्षित रखा। ऐसे ही महाराजा बख्त सिंह मारवाड़ के राठौर शासक थे। गंगवाना का युद्ध में भक्त सिंह और उनकी एक हजारा राठौरों की घुड़सवार सेना ने 10 हजार मुगल सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और मुगलों के सेना पर भारी पड़े। ऐसे ही दुर्गा ग्राम राठौर और औरंगजेब के खिलाफ 28 सालों तक संघर्ष किया। महाराजा छत्रसाल बुन्देला ने 22 साल की उम्र में बुन्देल खण्ड में मुगलों के खिलाफ विद्रोह किया। राजा अजीत सिंह राठौर, चन्द्रसेन राठौर मुगलों से अथक हमलों के खिलाफलगभग 20 साल तक योद्धा के तरह युद्ध लड़ा और मुगल साम्राज्य के संधि के लिए विवश कर दिया। महाराणा प्रताप मेवाड़ के 16वीं शताब्दी के राजपूत शासक ने मुगलों का दृढ़ता से विरोध किया । मालदेव राठौर, राणासांगा जिन्होंने 18 प्रमुख युद्धों में दिल्ली, मालवा और गुजरात के सुल्तानों को हराया था और इस प्रकार राजस्थान, मालवा, गुजराज पर मेवाड़ का वर्चस्व स्थापित किया। तीन बार गुजरात के सल्तनत को हराया और एक मजबूत राजपूत साम्राज्य की स्थापना की। इन्होंने राजपूतों को मुगल आक्रांता बाबर के खिलाफ एकजुट किया। इसी तरह राणा कुम्भा, पृथ्वी राज चौहान, मिहिर भोज प्रतिहार और चौहान वंश एवं प्रतिहार वंश के शासकों ने लगातार वाह्य आक्रमणकारियों से मुकाबला किया। ऐसे कई राजपूत राजाओं ने मुगल शासकों के खिलाफ युद्ध किया। अगर मुगल के पाठ्यक्रम को हटाया गया तो स्वाभाविक रूप से राजपूतों का इतिहास ही खत्म करना होगा। यानि आरक्षण खत्म करने के लिए भाजपा ने देश में निजीकरण किया। वैसे ही मुगलों के इतिहास खत्म होते ही राजपूतों की वीरता भूलाना चाहती है-केन्द्र की मोदी सरकार ।

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