पटना में खेल रहे दो बच्चों पर गिरी मिट्टी की दीवार, 7 वर्षीय बच्ची की दर्दनाक मौत

पटना। राजधानी पटना के पालीगंज थाना क्षेत्र के बालिपांकड गांव में बुधवार देर रात एक दर्दनाक हादसे में सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसका छोटा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों भाई-बहन अपने घर के आंगन में खेल रहे थे। अचानक एक जर्जर मिट्टी और ईंट की दीवार भरभराकर गिर पड़ी और दोनों बच्चे उसके मलबे में दब गए। मृत बच्ची की पहचान विमल यादव की पुत्री स्वीटी कुमारी (7) के रूप में हुई है, जबकि उसका भाई मनीष कुमार गंभीर रूप से घायल हुआ है। दोनों को परिजनों ने आनन-फानन में पालीगंज अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने स्वीटी को मृत घोषित कर दिया। मनीष की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि जिस दीवार के गिरने से हादसा हुआ, वह पिछले वर्ष की बारिश के बाद से ही जर्जर अवस्था में थी। कई बार मरम्मत की बात उठी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण दीवार की स्थिति जस की तस बनी रही। बुधवार की रात जब बच्चे खेल रहे थे, तभी अचानक वह दीवार गिर गई और दोनों उसके नीचे दब गए। परिजन जब तक उन्हें बाहर निकालते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मृतक के दादा चंदर यादव ने बताया कि बच्चों की चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग जुटे और दोनों को मलबे से निकाला गया। उन्होंने प्रशासन से सहायता की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है, यदि कोई लापरवाही सामने आती है। घटना की जानकारी मिलते ही पालीगंज थानाध्यक्ष दिनेश कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत हो रही है, लेकिन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जाएगी। गांव में मासूम की मौत से मातम पसरा हुआ है। पूरे इलाके में शोक का माहौल है और लोग परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में कई पुराने मकानों की दीवारें इस तरह की दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं, जिनकी मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि ऐसे खतरनाक और जर्जर मकानों की जांच कर आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
