सहरसा में चार बच्चों की मां ने की आत्महत्या, घरेलू तनाव से तंग आकर उठाया खौफनाक कदम
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सहरसा। सहरसा जिले के चिरैया थाना क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ गांव को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। गुरुवार देर रात 32 वर्षीय ब्यूटी कुमारी ने आत्महत्या कर ली। वह चार मासूम बच्चों की मां थी। बताया जा रहा है कि घरेलू तनाव और बच्चों की जिद के चलते वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थी, जिसके कारण उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
घटना की रात का मंजर
घटना गुरुवार रात करीब दो बजे की है। ब्यूटी कुमारी का पति रविन्द्र शर्मा रोज की तरह खेत में घास काटने गया हुआ था। लौटते समय उसे घर से बच्चों के रोने की तेज आवाजें सुनाई दीं। पहले तो उसने गुस्से में बाहर से पत्नी को डांट लगाई, लेकिन जब अंदर से कोई उत्तर नहीं मिला तो दरवाजा खोला। सामने जो दृश्य था, वह किसी भी इंसान को अंदर तक हिला देने वाला था। ब्यूटी फांसी के फंदे से झूल रही थी और उसके चारों बच्चे शव के नीचे बिलखते हुए चीख रहे थे।
मां की ममता और आत्महत्या की पीड़ा
ब्यूटी की शादी लगभग 7-8 वर्ष पहले रविन्द्र शर्मा से हुई थी। उनके चार बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 8, 7, 6 वर्ष और सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 9 महीने का है। यह वही बच्चा है, जो शायद अभी भी मां की गोद तलाश रहा होगा, यह समझे बिना कि मां अब कभी नहीं लौटेगी। एक मां, जो अपने बच्चों की नींद, भूख और बीमारी में जागती थी, वो आखिर किस हालात में खुद को खत्म करने की सोच सकती है – यह सवाल सबके मन में कौंध रहा है।
छोटी सी बहस बनी बड़ी वजह?
पड़ोसियों के अनुसार, स्कूल से लौटने के बाद बच्चों और मां के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी। यह बहस किस बात पर थी, यह अब भी स्पष्ट नहीं है – क्या यह पढ़ाई को लेकर था, या भोजन, या कोई सामान्य झुंझलाहट? कोई नहीं जानता कि वो कौन सी अंतिम बात थी, जिसने ब्यूटी की सहनशीलता को पूरी तरह तोड़ दिया और उसे इस अंधकारमय निर्णय की ओर धकेल दिया।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही चिरैया थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया है कि अभी जांच की जा रही है और परिजनों द्वारा आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस हर पहलु की बारीकी से जांच कर रही है, जिससे यह पता चल सके कि आत्महत्या का मूल कारण क्या था।
गांव में शोक की लहर
इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। हर व्यक्ति स्तब्ध है कि आखिर एक मां, जिसने चार बच्चों को जन्म दिया और पाला, वो इतनी हिम्मत हार कैसे गई? यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि घरेलू तनाव और मानसिक दबाव किस हद तक घातक हो सकते हैं। ब्यूटी कुमारी की आत्महत्या केवल एक महिला की मौत नहीं, बल्कि उन अनकहे दर्दों की कहानी है जो अक्सर घरेलू दीवारों के भीतर दबे रह जाते हैं। यह घटना बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू शांति कितनी जरूरी है। जरूरत है कि समाज संवेदनशील हो, बातचीत को प्रोत्साहित करे और मानसिक तनाव को हल्के में न ले। ऐसी घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमें एक-दूसरे की तकलीफ को समझने और बांटने की आवश्यकता है।


