अतिपिछड़ों को गुलाम बना कर रखना चाहती है भाजपा : राजीव रंजन

पटना। भाजपा को अतिपिछड़ा विरोधी पार्टी बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा कि केंद्र सरकार के 90 सचिवों में OBC समाज से महज 3 सचिवों का होना यह दिखाता है कि भाजपा के मन में पिछड़े-अतिपिछड़े समाज के प्रति कितना जहर भरा हुआ है। दरअसल, सामंतवादी विचारधारा से घिरे भाजपा के नेता आज भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के नेताओं को गुलामों की तरह देखते हैं और जूते की नोक पर रखना चाहते हैं। कुर्सी के लिए उन्हें इस समाज का वोट तो चाहिए लेकिन उन्हें सम्मान देना इन्हें पसंद नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज को आगे नहीं बढ़ने देने के लिए ही भारी मांग के बावजूद BJP ने हालिया लाये महिला आरक्षण बिल में इस समाज को कोई कोटा नहीं दिया। जातिगत गणना से भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को ही सबसे अधिक फायदा मिलने वाला था, लेकिन भाजपा इसमें भी रोड़े अटकाने से बाज नहीं आई। कोर्ट से मुंह की खाने के बाद भी इनकी शह पर कुछ तत्व इसे रोकने में आज तक एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रहे हैं। वही इस समाज के युवाओं का भविष्य बाधित करने के लिए ही सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। वही इस एक तरफ जहां केंद्र सरकार के पूंजीपति मित्रों को फायदा मिलेगा वहीं पिछड़े-अतिपिछड़े समाज के करोड़ों लोगों का भविष्य अधर में लटक जाएगा। जदयू महासचिव ने कहा कि याद करें तो कर्पूरी फार्मूला के आधार पर OBC वर्गीकरण के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया गया था। लेकिन मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में इसके किये प्रावधानों के बारे में अनुशंसा होने के बावजूद इसके आधार पर इस समाज का वर्गीकरण नहीं किया जा रहा। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि दिखावे के लिए यह लोग अपनी पार्टी में अतिपिछड़े समाज के कुछ नेताओं को आगे बढ़ाने का नाटक जरुर करते हैं, लेकिन उन्हें न तो ढंग का मंत्रालय दिया जाता है और न ही अपने मन से काम करने की अनुमति नहीं दी जाती है। यहां तक कि उन्हें कर्पूरी ठाकुर जैसे अतिपिछड़ा समाज के महापुरुषों की जयंती मनाने से भी रोका जाता है। हकीकत में यह लोग पिछड़े/अतिपिछड़े समाज को नीचे बनाये रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
