बिहार में पीएम आवास योजना के 8 लाख लाभुकों का पैसा रुका, विभाग ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
पटना। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बिहार में लाखों गरीब परिवारों के लिए बनाए जा रहे पक्के घरों का काम फिलहाल बाधित हो गया है। कारण यह है कि राज्य नोडल खाते में राशि उपलब्ध नहीं होने से योजना की किस्तों का भुगतान रुका हुआ है। आठ लाख से अधिक लाभुकों को उनकी निर्धारित किस्तें अभी तक नहीं मिल सकी हैं, जिससे उनके घरों का निर्माण प्रभावित हो रहा है।
राज्य में फंड की कमी, भुगतान अटका
ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि वर्तमान समय में तीन लाख 88 हजार लाभुकों की दूसरी किस्त और चार लाख 20 हजार लाभुकों की तीसरी किस्त लंबित है। यानी कुल मिलाकर आठ लाख से ज्यादा परिवार सरकारी सहायता मिलने के इंतजार में हैं। राज्य सरकार के अनुसार, समस्या का मूल कारण नोडल खाते में पर्याप्त फंड का न होना है। किस्तें जारी करने के लिए जो राशि आवश्यक है, वह उपलब्ध नहीं हो सकी है, जिससे लाभुकों को भुगतान रोका गया है।
केंद्र सरकार को भेजा गया अनुरोध पत्र
नई सरकार के गठन के बाद ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है। उन्होंने आग्रह किया है कि बिहार के लिए आवश्यक फंड जल्द जारी किए जाएं ताकि लंबित किश्तों का भुगतान किया जा सके। पत्र में कहा गया है कि किस्तें जारी न होने से लाभुकों का निर्माण कार्य ठप पड़ गया है, जबकि कई लाभुक निर्धारित स्तर पूरा कर चुके हैं और अगली किस्त मिलते ही घर पूरा कर सकते हैं।
एसएनए स्पर्श मॉड्यूल की नई व्यवस्था से बढ़ी परेशानी
ग्रामीण विकास मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जुलाई 2025 में केंद्र सरकार ने अचानक एसएनए स्पर्श मॉड्यूल के तहत राशि जारी करने की नई व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया था। लेकिन इस नई प्रणाली के बारे में राज्य के वित्त विभाग को पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी, जिसकी वजह से आवश्यक तैयारी समय पर नहीं हो सकी। राज्य का कहना है कि मौजूदा स्थिति में मार्च 2026 तक पुरानी फंड जारी करने की व्यवस्था बहाल की जाए, ताकि भुगतान निर्बाध रूप से जारी रह सके।
अब तक का लक्ष्य और उपलब्धि
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2024-25 और 2025-26 को मिलाकर बिहार को कुल 12 लाख 21 हजार मकान बनाने का लक्ष्य मिला है। इनमें से राज्य सरकार ने अब तक—
11 लाख 35 हजार लाभुकों को पहली किस्त
7 लाख 47 हजार को दूसरी किस्त
3 लाख 26 हजार लाभुकों को तीसरी किस्त
जारी कर दी है। इसके बावजूद लाखों लाभुकों की किस्तें अटकी हुई हैं, जिससे पक्का मकान का सपना अधूरा रह गया है।
प्रति लाभुक 1.20 लाख रुपये की सहायता
पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पक्का घर बनाने के लिए प्रत्येक लाभुक को 1,20,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में जारी होती है— पहली किस्त जमीन समतलीकरण के लिए, दूसरी किस्त लिंटर तक का कार्य पूरा होने पर, और तीसरी किस्त पूरा ढांचा तैयार होने पर। वर्तमान में दूसरी और तीसरी किस्त के भुगतान में सबसे अधिक बाधा आई है।
किस्तें न मिलने से निर्माण कार्य प्रभावित
जिन लाभुकों ने घर निर्माण का अधिकांश हिस्सा पूरा कर लिया है, वे अब आगे का काम नहीं कर पा रहे। कई ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने उधार लेकर घर की दीवार और ढांचा बना लिया है, लेकिन अगली किस्त मिलने तक लिंटर, छत, दरवाजे-अलमारी और फर्श जैसी आवश्यक चीजें नहीं हो पा रही हैं। फंड अटकने से मजदूरों को भुगतान भी प्रभावित हुआ है, जिससे कई जगह निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है।
राज्य सरकार की चिंता और संभावित असर
यदि फंड जल्द जारी नहीं हुआ तो लाखों गरीब परिवारों को समय पर पक्का घर नहीं मिल पाएगा। साथ ही राज्य की योजना उपलब्धि पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि लक्ष्य पूरा करने की समय सीमा सीमित है। सरकार का कहना है कि यह योजना गरीबों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी सामाजिक–आर्थिक स्थिति सुधारने में बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए धनराशि का जल्द उपलब्ध होना अत्यावश्यक है। बिहार में पीएम आवास योजना के लाभुकों की किस्तें रुकने से गरीब परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए केंद्र से तत्काल फंड जारी करने की मांग की है।


