बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे मनोज झा, अगर मैं राज्यसभा में होता तो उनकी हत्या कर देता : आनंद मोहन
- राजद के राज्यसभा सांसद पर फिर भड़के आनंद मोहन, पहले भी दे चुके हैं जीभ खींचने का बयान
पटना। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने गुरुवार को मनोज झा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं उस दिन राज्यसभा में होता तो उनकी हत्या कर देता। बाहुबली ने मनोज झा को बीजेपी का एजेंट बताते हुए जमकर निशाना साधा। ब्राह्मण-ठाकुर विवाद पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि ये बिरादरी की लड़ाई नहीं है। ये कम्युनिटी विशेष को एक व्यक्ति विशेष ने गाली दी है। 1857 से 1942 तक शानदार इतिहास है ठाकुरों का, अगर उसकी राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाइएगा तो आनंद मोहन बोलेगा। इससे पहले बुधवार को उन्होंने एक चैनेल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर मैं सदन में होता तो जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर। उन्होंने कहा कि फिटकरी का इस्तेमाल शेविंग के बाद किया जाता है। यह कीटाणु नाशक है और एक क्विंटल दूध में एक ढेला इसको डाल दीजिए दूध फट जाएगा, यह जमने ही नहीं देगा। ये फिटकरी झा हैं। वे नहीं चाहते हैं जो हिंसक जातियां हैं इकट्ठा हों। ये एजेंट बनकर बैठे हैं पार्टी में। केन्द्र में जो सरकार है उसके एजेंट हैं। इनके बड़े पिता जी की कहानी जानता हूं।
आनंद मोहन बोले- आरजेडी नहीं समझ रही, हम शीर्ष नेतृत्व को समझाने की कोशिश में हैं
वे समाजवादी का चोला पहने हुए थे, जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी समाजवादी चोला उतारकर कांग्रेस में मंत्री बन गए। आरजेडी नहीं समझ रही है। हम शीर्ष नेतृत्व को समझाने की कोशिश में हैं। ऐसे लोग तभी तक आरजेडी में रहेंगे जब तक आरजेडी अस्तित्व में होगी। जैसे ही लगेगा कि आरजेडी कमजोर हो गई, वे भाजपा की गोद में चले जाएंगे। वहीं बुधवार को मनोज झा के भाषण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा था कि अगर मैं होता राज्यसभा में तो जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर। आप इतने बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो। आप पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारो।
ठाकुरों पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे
पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यक्ति की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। मैं उसके खिलाफ खड़ा हूं। इस देश में 1857 में हमारे नायक थे बहादुर शाह जफर, जो क्रांतिकारी लोग मरे जिसमें भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल थे। आज कोई सांसद राज्य सभा में किसी जाति विशेष को गाली दे तो यह बर्दाश्त के लायक नहीं है। ये बार-बार दोहराना कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो यह कतई बर्दाश्त नहीं हो सकता।


