सीएम की समाधान यात्रा पर मांझी ने खड़े किये सवाल, बोले- केवल अधिकारियों की सुनने से जनता का काम नही चलेगा

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 4 जनवरी से शुरू हो रही समाधान यात्रा पर न सिर्फ विपक्षी दल भाजपा बल्कि महागठबंधन में सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी सवाल उठाया है। हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार अपनी इस यात्रा अगर सिर्फ अधिकारियों को सुनेंगे तो सही नहीं होगा। उन्हें जमीनी हकीकत जानने के लिए सिर्फ अधिकारियों की रिपोर्ट को नहीं देखना चाहिए। अगर सच्चाई जानना चाहते हैं तो उन्हें अन्य तरीकों पर भी सोचना चाहिए। दरअसल, नीतीश कुमार की समाधान यात्रा में को लेकर कैबिनेट सचिवालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा में योजना से संबंधित क्षेत्र भ्रमण करेंगे। इसके अलावे चिन्हित समूहों के साथ बैठक करेंगे और जिला स्तरीय समीक्षा मीटिंग करेंगे। बैठक के संबंध में कहा गया है कि समाधान यात्रा की समीक्षा बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री एवं जिले के निवासी मंत्री मौजूद रहेंगे। संबंधित जिले के जिलाधिकारी इन मंत्रियों को उपस्थित रहने का अनुरोध करेंगे। विभागीय मंत्री सशरीर बैठक में शामिल नहीं होंगे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। वहीं इस समीक्षा बैठक में स्थानीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद स्वेच्छा से भाग लेंगे। लेकिन समीक्षा के बिंदु जो निर्धारित हैं उसी के अंतर्गत अपनी बात रखेंगे। यानी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें बैठक में शामिल होना जरूरी नहीं। क्या उन्हें बुलाया जाएगा? उनके प्रोटोकॉल का ख्याल रखा जाएगा। इन तमाम बातों का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इस पत्र में यह साफ जरूर कर दिया गया है कि निर्धारित विषय के अलावा आप कुछ नहीं बोल सकते हैं। इसी को लेकर जीतन राम मांझी ने सवाल उठाया है। उनके अलावा भाजपा की ओर से भी कई नेताओं ने समाधान यात्रा की व्यवहार्यता पर सवाल किया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी यात्रा में जन प्रतिनिधियों का अपमान ना करें। उनकी समाधान यात्रा विदाई यात्रा में बदल जाएगी।

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