जीभ काटने के बयान पर मांझी ने दी बड़ी प्रतिक्रिया, बोले- कोई मेरा जीभ काटे तो क्या मैं देखता रहूंगा ….??

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। वहीं, एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ था। जहां पर वो ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे थे। यहां जीतन राम मांझी ने अपने भाषण के दौरान पंडितों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था। वहीं, जब मांझी के इस अभद्र भाषा से विवाद बढ़ा तो उन्होंने इसके लिए फौरन मांफी मांग ली। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एक बार फिर से बयान जारी कर ब्राहमण समाज को गाली दिए जाने के ममाले पर अपनी सफाई दिए है। मांझी का कहना है कि उन्होंने किसी के मन को आहत नहीं पहुंचाया है। हमने उस व्यवस्था के बारे में चर्चा की है जो पहले होता था। जीतन राम मांझी का कहना है कि हमने अपने बयान में कहा था कि उन लोगों से पूजा नहीं कराएं जो लोग दलितों के घर खाना नहीं खाते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जब मैं ब्राह्मण समाज को कुछ बुरा बोला ही नहीं हूं। उसके बावजूद भी मैंने माफी मांगी है लेकिन अब जो ब्राह्मण समाज के लोगों के मन में इतना उबाल है। उन सबको मैं चेतावनी देता हूं मैंने दो बार माफी मांगा है लेकिन जो ब्राह्मण समाज के लोग हैं।

कोई मेरा जीभ काटे तो मैं देखता रहूंगा, मैं डरने वाला नहीं हूं : जीतनराम मांझी

अब मैं उनको कहता हूं कि मैं जिनको हरामी बोला हूं जो दारु शराब पीता है। मांस मछली खाता है पढ़ने लिखने नहीं आता है। उनको मैं फिर से कह रहा हूं कि एक बार नहीं सैकड़ों बार उनको हरामी कहूंगा। जो अनेक कुकर्म करेगा उसको हम हरामी ही कहेंगे। उसे हम ब्राह्मण नहीं कर सकते हैं। मांझी ने कहा जो लोग मेरी जीब काटने की बात करता है उनको मैं यही कहूंगा कि इस मुद्दे पर हमारे समाज के लोग देखेंगे। मैं कुछ नहीं कहूंगा कोई मेरा जीव काटे मैं देखता रहूंगा। मैं डरने वाला नहीं हूं।

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