October 28, 2025

पटना में बाइक के साथ नाले में गिरा युवक, लोगों ने बचाया, हादसे में हुआ घायल

पटना। राजधानी में बृहस्पतिवार को हुई एक दुर्घटना ने नगर निगम की व्यवस्था और बरसात के बाद की समस्याओं को एक बार फिर उजागर कर दिया। यह घटना वार्ड संख्या 47 के शिव शक्ति नगर इलाके की है, जहां एक युवक अपनी मोटरसाइकिल समेत गहरे नाले में जा गिरा। नाला लगभग पाँच फीट गहरा बताया गया है। सौभाग्य से आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत पहल करते हुए युवक को पानी से बाहर निकाला और उसकी बाइक को भी बचा लिया। हालांकि हादसे में युवक घायल हो गया, लेकिन बड़ी अनहोनी टल गई।स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस इलाके में पिछले एक महीने से बरसात का पानी जमा है। लगातार जलभराव के कारण सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे और मेनहोल पानी में डूबे हुए हैं, जिनका पता चलते ही नहीं। यही वजह है कि आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं। घटना के दिन भी युवक अपनी बाइक से बाजार की ओर जा रहा था। रास्ते में अचानक वह नियंत्रण खो बैठा और नाले में जा गिरा। बाजार समिति के सदस्य बबलू ने बताया कि यह बेहद गंभीर स्थिति है। जिस नाले में युवक गिरा, उसमें यदि कोई बच्चा या बुजुर्ग चला जाए तो उसे निकालना बेहद मुश्किल हो सकता है। ऐसे हादसे जानलेवा साबित हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि युवक का बच जाना उसकी किस्मत थी, अन्यथा जलभराव और नाले की गहराई किसी भी व्यक्ति की जान ले सकती थी। यह घटना केवल एक व्यक्ति की चोट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नगर निगम की लापरवाही पर भी बड़ा सवाल उठाती है। एक महीने से लगातार पानी भरा होने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया गया। लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जोखिम उठाकर इन रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं।इस मुद्दे पर जब वार्ड पार्षद सतीश गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका एक मोबाइल नंबर लगातार नहीं लगा, जबकि दूसरा फोन बंद मिला। इससे यह साफ है कि जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार विभाग इस समस्या को लेकर सक्रिय नहीं हैं। जनता रोज़ाना असुविधा झेल रही है और जान-माल के खतरे का सामना कर रही है। पटना जैसे बड़े शहर में इस तरह की स्थिति बेहद चिंता का विषय है। जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने और समय पर सफाई न होने के कारण जलभराव की समस्या हर साल सामने आती है। नगर निगम और प्रशासन को चाहिए कि वे इस घटना से सबक लें और तात्कालिक स्तर पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही, डूबे हुए मेनहोल और नालों को चिन्हित कर उन पर ढक्कन लगाए जाएँ ताकि दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। कुल मिलाकर, शिव शक्ति नगर में हुआ यह हादसा हमें याद दिलाता है कि छोटी-सी लापरवाही भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है। जिम्मेदार अधिकारियों को अब और लापरवाही नहीं करनी चाहिए और शीघ्र ही ऐसी व्यवस्थाएँ करनी चाहिए जिससे लोग सुरक्षित रह सकें और शहर में जीवनयापन सुगमता से हो सके।

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