बिहार में लाइसेंस और परमिट के बिना बस चलाने वालों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, चलेगा विशेष अभियान, लगेगा जुर्माना
पटना। बिहार में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। खासकर बिना लाइसेंस, बिना परमिट और अधूरे दस्तावेजों वाले बसों और व्यावसायिक वाहनों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। राज्यभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत वाहनों की गहन जांच की जा रही है। इसी क्रम में पटना के मसौढ़ी में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया और कई वाहन मालिकों पर भारी जुर्माना लगाया गया।
मसौढ़ी में 107 वाहनों से वसूले गए 11.85 लाख रुपये
मसौढ़ी में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी के नेतृत्व में चलाए गए अभियान में बिना परमिट और लाइसेंस के संचालित हो रहे 107 वाहनों को पकड़ा गया। इन वाहनों पर कुल 11 लाख 85 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। कई चालक पुलिस और परिवहन विभाग की टीम को देखकर चेकपोस्ट से भागने की कोशिश भी करते दिखे, लेकिन टीम ने उन्हें रोककर कार्रवाई की। इस दौरान ऑटो, मिनी बसें और बड़े यात्री वाहनों की भी जांच की गई। जिन वाहनों में वैध दस्तावेज़ नहीं थे, उन्हें जब्त किया गया। अभियान का केंद्र मसौढ़ी कर्पूरी चौक स्टैंड और पूर्वी बस स्टैंड रहा, जहां लंबे समय से बिना परमिट के बसों के चलने की शिकायतें मिल रही थीं।
परमिट, बीमा और फिटनेस दस्तावेज़ों की हुई जांच
जांच अभियान के दौरान जो बातें सबसे अधिक सामने आईं, उनमें बिना परमिट बस संचालन, वाहन बीमा का नवीनीकरण न होना, फिटनेस सर्टिफिकेट की कमी और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) न होना मुख्य रहा। कई वाहनों पर बकाया टैक्स भी पाया गया, जिस कारण उन पर अलग से दंड लगाया गया। परिवहन विभाग का कहना है कि नियमों का पालन न करने से सड़क पर हादसों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे वाहनों में अक्सर ओवरलोडिंग, खराब तकनीकी स्थिति और सुरक्षा मानकों का अभाव रहता है, जो यात्रियों की जान जोखिम में डालता है।
क्या होता है वाहन परमिट और क्यों जरूरी है?
परमिट वह कानूनी दस्तावेज है, जो किसी भी व्यावसायिक वाहन को सार्वजनिक सड़कों पर चलने की अनुमति देता है। इसमें दो मुख्य श्रेणियां होती हैं – यात्री वाहन परमिट और माल ढुलाई परमिट। इसके अलावा राज्य परमिट और राष्ट्रीय परमिट भी जारी किए जाते हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य तक वाहन को चलाने की अनुमति देते हैं। प्राइवेट वाहन को इससे छूट मिलती है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों के लिए यह अनिवार्य है। बिना परमिट वाहन चलाना कानूनन अपराध है और पकड़े जाने पर भारी जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।
सख्त अभियान आगे भी जारी रहेगा
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल मसौढ़ी तक सीमित नहीं रहेगा। पूरे राज्य में बिना अनुमति बस चलाने वालों, ओवरलोडिंग करने वालों और नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन बसों में सुरक्षा मानक पूरे नहीं होंगे, उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि सड़क सुरक्षा के लिए यह कदम बेहद आवश्यक है। यदि वाहन मालिक और चालक समय पर अपने दस्तावेज़ नवीनीकृत रखें, तो न केवल हादसों में कमी आएगी बल्कि परिवहन व्यवस्था भी अधिक व्यवस्थित होगी।
नियमों का पालन ही सुरक्षा का आधार
यह अभियान यह संदेश भी देता है कि बिना लाइसेंस, बिना परमिट और बिना फिटनेस वाले वाहनों पर अब किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलेगी। परिवहन विभाग की यह सख्ती सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने और अनियमित परिवहन व्यवस्था पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


