भोजपुर में सिलेंडर लीक से बड़ा हादसा: घर में लगी आग, बच्चे समेत सात लोग बुरी तरह जख्मी
भोजपुर। जिले के पीरो थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम को एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई। पीरो नगर के वार्ड संख्या-25 में गैस सिलेंडर लीक होने के कारण अचानक आग लग गई, जिससे एक ही परिवार के कई सदस्य इसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में चार मासूम बच्चों समेत कुल सात लोग बुरी तरह झुलस गए। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और स्थानीय लोग दहशत में आ गए।
घटना का पूरा विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब घर में रखा एलपीजी गैस सिलेंडर धीरे-धीरे लीक हो रहा था। ठंड अधिक होने के कारण परिवार के कुछ सदस्य घर के अंदर अलाव जलाकर आग ताप रहे थे। उसी दौरान सिलेंडर से रिसाव हो रही गैस ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते तेज लपटों के साथ पूरे घर में फैल गई। आग इतनी तेजी से फैली कि घर में मौजूद लोग संभल भी नहीं पाए। घर के अंदर उस वक्त कई बच्चे और बुजुर्ग मौजूद थे। अचानक आग भड़कने से चीख-पुकार मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन आग की भयावहता के कारण सभी सुरक्षित बाहर नहीं निकल सके और झुलस गए।
झुलसने वालों की स्थिति
इस हादसे में श्रीराम रजवार (60 वर्ष), कांति देवी (65 वर्ष), बीरबल कुमार राम (45 वर्ष) और उनके चार बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। बच्चों में आकाश कुमार (10 वर्ष), आयुष कुमार (7 वर्ष), सृष्टि कुमारी (4 वर्ष) और आर्यन कुमार (2 वर्ष) शामिल हैं। घायलों में सृष्टि, आयुष और आर्यन बीरबल राम के ही बच्चे बताए जा रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य बच्चों के भी हल्के रूप से झुलसने की सूचना मिली है, जिनका इलाज स्थानीय स्तर पर किया गया।
आग लगने के समय घर का माहौल
परिजनों के अनुसार, घर में उस समय कुल नौ लोग मौजूद थे। कुछ लोग ठंड से बचने के लिए आग ताप रहे थे, जबकि घर की एक महिला सदस्य खाना बना रही थीं। इसी दौरान अचानक सिलेंडर में आग लग गई। गुड़िया देवी ने बताया कि आग इतनी अचानक और तेज थी कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। चारों तरफ धुआं और आग की लपटें फैल गईं, जिससे घर में मौजूद बच्चों और बुजुर्गों में भय फैल गया।
स्थानीय लोगों की भूमिका
आग लगने के बाद घर के लोग काफी देर तक मदद के लिए चिल्लाते रहे। हालांकि, आसपास के लोग थोड़ी देर से मौके पर पहुंचे। जब तक लोग पहुंचे, तब तक घर में मौजूद बच्चे और अन्य परिजन गंभीर रूप से झुलस चुके थे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और सभी घायलों को किसी तरह घर से बाहर निकाला। इस दौरान लोगों ने मानवता का परिचय देते हुए तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की।
इलाज और अस्पताल की स्थिति
घायलों को आनन-फानन में पहले पीरो के एक निजी क्लीनिक में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया। स्थिति गंभीर होने के कारण सभी घायलों को बेहतर इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल में सभी को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
डॉक्टरों की रिपोर्ट
आरा सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि दो वर्षीय आर्यन कुमार करीब 65 प्रतिशत से अधिक झुलस चुका है, जिसकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। अन्य घायलों की स्थिति भी चिंताजनक है। तीन लोगों को अधिक जलने के कारण विशेष निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों का इलाज लगातार जारी है और उन्हें हर संभव चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
प्रशासन और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर घरेलू गैस सिलेंडर की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। गैस सिलेंडर से रिसाव और ठंड के मौसम में अलाव जलाने की लापरवाही इस बड़े हादसे का कारण बनी। स्थानीय प्रशासन और गैस एजेंसियों द्वारा सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। भोजपुर की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। थोड़ी सी लापरवाही कैसे बड़े हादसे में बदल सकती है, इसका यह जीता-जागता उदाहरण है। उम्मीद की जा रही है कि घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और भविष्य में लोग गैस सिलेंडर के उपयोग में अधिक सतर्कता बरतेंगे, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


