महाराणा प्रताप की प्रतिमा तथा आनंद मोहन की रिहाई को लेकर क्षत्रिय सेवा महासंघ करेगा अनिश्चितकालीन अनशन
पटना।क्षत्रिय सेवा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनवंत सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार को पत्र लिख कर बिगत 21 जनवरी को मिलर हाई स्कूल में हुए महाराणा महोत्सव में उनके द्वारा राजधानी में महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने व समाज के प्रमुख नेता आनंद मोहन जी जो एक मामले में मिली सजा लगभग पूरा कर चुके है की रिहाई की दिशा में पहल करने की उनकी घोषणा को याद दिलाया है। 08 अगस्त तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर कार्रवाई नही होने पर ऐतिहासिक क्रांति दिवस 09 अगस्त से श्री राठौर ने अनिश्चित कालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की है ।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री राठौर ने उन्हें याद दिलाया है कि उन्होंने 21 जनवरी को पटना के मिलर हाई स्कूल में आयोजित महाराणा महोत्सव में मुख्य अतिथि के हैसियत बिहार वासियों को आस्वस्त किया था कि जल्द ही राजधानी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा का निर्माण और समाज के प्रतिष्ठित राजनेता श्री आनन्द मोहन जी जिन्होंने एक झूठे मामले में लगभग सजा पूरी कर ली है उनके रिहाई की दिशा में ऊचित कार्रवाई करेंगे। परन्तु आज उनके घोषणा के पांच माह बीत चुके है,परन्तु आज तक इस दिशा में सरकार ने कोई कार्रवाई शुरू नही की है।राष्ट्र के आन बान व शान के प्रतीक महाराणा प्रताप की प्रतिमा के लिये जगह का भी चयन आज तक भवन निर्माण विभाग द्वारा नही किया गया है।आनंद मोहन जी को मिले सजा लगभग पूरी हो चुकी है लेकिन उन्हें रिहा करने की दिशा में भी सरकार के स्तर पर कोई पहल नही हो रही है।अगर श्री आनन्द मोहनजी को मिले सजा की अवधि में पूर्व में जेल रहने के दिनों तथा कारा विभाग से मिलने बाली छूट को शामिल कर दिया जाय तो सजा की अबधि कब की पूरी हो चुकी होगी।श्री राठौर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज के लोगो के बीच खुद महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा के निर्माणऔर आनंद मोहनजी को रिहाई को लेकर पहल करने की बात सार्वजनिक रूप से महाराणा महोत्सव में उस समय की थी,जब उपस्थित लोगों ने एक सुर से आनन्द मोहनजी के रिहाई करने की बात उठायी थी।
श्री राठौर ने कहा कि मिल रही जानकारी के अनुसार राजेंद्रनगर स्थित मैकडोवेल गोलंबर परिसर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने की बात सामने आ रही है।उक्त जगह शहर में ही एक कोने में होने के कारण महाराणा प्रताप जैसे वीर के प्रतिमा के लिये ऊचित प्रतीत नही होता है,यह प्रतिमा एक मुहल्ले के लोगो के बीच रह जायेगी।महाराणा प्रताप जैसे योद्धा की प्रतिमा लगाने के लिये सबसे उपयुक्त जगह करविगिहिया से आर ब्लॉक जाने के लिये बनी पूल के बीच खाली जगह (गोलंबर) होंगी,यह आम लोगो का आने जाने का रास्ता है।इस जगह पर आदमकद प्रतिमा के लगने से पटना के रहने बाले के साथ साथ बाहर से पटनाआने वाले लोग भी महाराणा प्रताप के प्रतिमा के समक्ष शीश झुका नमन कर सकते है।
श्री राठौर ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि 08 अगस्त 2020 तक महान योद्धा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का निर्माण करविगिहिया से आर ब्लॉक को जाने बाली पूल के बीच बने गोलंबर के खाली जगह पर स्थापित किया जाय और समाज के नेता श्री श्री आनन्द मोहनजी को हर हाल में जेल से रिहा किया जाय। अन्यथा क्षत्रिय सेवा महा संघ ऐतिहासिक क्रांति दिवस पर 09 अगस्त से अनिश्चित कालीन अनशन शुरू करेगा।पांच महीने पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की घोषणा पर कोई करवाई नही होना क्षत्रिय समाज का अपमान है।

