माँ-माटी-गांव घर से जोड़ता है छठ, सीएम ने पटना में परिवारजनों के साथ दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य

पटना। माँ माटी गाँव से आस्था जुड़ती है तो छठ जैसे महापर्व की शुरूआत होती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने परिवारजनों के साथ पटना में अर्ध्य दिया। सीएम ने राज्यवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए देश व राज्य में लोगो की खुशहाली समृद्धि तरक्की की कमान की है ।

धार्मिक आस्था से प्रारंभ हुआ यह महापर्व कैसे प्रवासियों को अपने मिट्टी से जोड़ने का महापर्व बन गया पता ही ना चला। छठ ना होता तो लोग साल में एक बार वापस अपने गांव भी नहीं लौटते। रोजी रोजगार की तलाश में देश दुनिया में अपना श्रमदान करने वाली बिहार यूपी के लोगों ने छठ के बहाने अपनी एकजुटता को भी प्रदर्शित किया है, जहां भी गए हैं वहां छठ के बहाने समूहों का निर्माण भी किया है। छठ जरूरी है सामाजिक समरसता के लिए छठ जरूरी है उच्च नीच अमीरी गरीबी का भेदभाव मिटाने के लिए। छठ जरूरी है अपनी जड़ों से दूर हो रही पीढ़ी को वापस अपने संस्कार की तरफ से लाने के लिए। छठ जरूरी है हम सब में सामूहिकता का निर्माण करने के लिए। छठ जरूरी है आस्था के साथ ही साथ जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए। छठ जरूरी है डूबते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद उगते सूर्य को अर्घ देने के लिए।छठ जरूरी है जीवन में आगे बढ़ने के लिए। छठ जरूरी है परिवार को एक सूत्र में बांधने के लिए। छठ जरूरी है घर परिवार समाज को संगठित करने के लिए। छठ जरूरी है अपने अहंकार को त्यागने के लिए। छठ जरूरी है समाज के हर एक तबके से पूजन सामग्री एकत्रित कर एक नए समाज का निर्माण करने के लिए।

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