बाढ़ : बेलछी प्रखंड और अंचल कार्यालय में कार्य अवधि में लटका दिखा ताला, प्राइवेट ठिकानों पर चलाया जा रहा सरकारी कार्यालय

बाढ़। बिहार में सरकारी कर्मियों के लिए एक पुरानी कहावत है 11 बजे तक लेट नहीं, 2 बजे के बाद भेंट नहीं। अनुमंडल के 7 प्रखंडों में कुछ प्रखंड ऐसे हैं जो कि सुदूर टाल क्षेत्र के इलाकों में हैं। इन्हीं में एक प्रखंड है बेलछी। इस प्रखंड कार्यालय से अक्सर शिकायत मिल रही थी कि यहां अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपने मन मुताबिक आते और जाते हैं, जिससे लोगों का काम सही समय पर नहीं होता है। लिहाजा शनिवार को बेलछी प्रखंड कार्यालय का जायजा लिया। सुबह के 9:30 से लेकर 10:30 तक प्रखंड कार्यालय के पास रहा। सुबह 10:30 तक इस कार्यालय का ताला नहीं खुला, बाद में एक कर्मी आकर ताला खोला लेकिन 10:30 तक एक भी कर्मचारी कार्यालय में देखने को नहीं मिले।
इस बाबत जब मोबाइल से प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी से बात की गई तो दोनों ने अलग-अलग प्रकार का बहाना बनाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी कुंदन कुमार से बात की गई। उन्होंने इस तरह की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को स्पष्टीकरण करने की बात कही।
बताते चले प्रखंड में 10 बजे कई लोग प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहुंच जाते हैं लेकिन हर दिन टालमटोल किया जाता है और कई मामले अभी तक लंबित पड़े हुए हैं।
प्राइवेट ठिकानों पर चलाया जा रहा सरकारी कार्यालय
बेलछी प्रखंड का अंचल कार्यालय होने के बावजूद भी हल्का कर्मचारी के द्वारा सकसोहरा बाजार स्थित दुर्जन चक गांव में एक निजी मकान में सरकारी कार्यालय चलाया जा रहा है, जिसमें इलाके के ग्रामीणों को रसीद काटने के नाम पर मोटी अवैध वसूली की जाने की कई बात सामने आई है। इलाके के ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि छोटा से छोटा जमीन का रसीद कटाने पर 10 से 15000 का नजराना देना पड़ता है। यह कारोबार लंबे समय से चलता आ रहा है। कई बार इलाके के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अंचलाधिकारी लीलावती कुमारी से की, इसके बावजूद भी अभी तक इस गंभीर मसले पर संज्ञान नहीं लिया गया है। मामले को लेकर जब बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए मामले की छानबीन कराए जाने की बात कही है।

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