बेतिया में जेई के साथ दुर्व्यवहार करने वाला जन सुराज का नेता गिरफ्तार, पुलिस ने की सख्त कार्रवाई

बेतिया। बिहार के बेतिया जिले में शनिवार को बिजली विभाग के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में जन सुराज पार्टी के स्थानीय नेता राजकिशोर चौधरी की गिरफ्तारी ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। घटना 24 अक्टूबर को बेतिया के मनुआपुल थाना क्षेत्र के मेहंदीयाबारी गांव में हुई, जहाँ बिजली विभाग के कर्मचारी स्मार्ट मीटर बदलने के लिए पहुंचे थे। राजकिशोर चौधरी ने जेई राकेश कुमार के साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें धक्का देकर एक कमरे में बंद कर दिया, और उनकी टीम को बिना मीटर लगाए वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। इस मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए राजकिशोर चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामला तब शुरू हुआ, जब बेतिया बिजली विभाग के जेई राकेश कुमार अपने दल के साथ राजकिशोर चौधरी के घर पर खराब स्मार्ट मीटर को बदलने पहुंचे। इस प्रक्रिया के दौरान, राजकिशोर चौधरी ने बातचीत के बहाने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, राजकिशोर चौधरी ने बिजली विभाग के कर्मचारियों से अपमानजनक भाषा में बात की और जेई को धक्का देकर कमरे में कैद कर लिया। इसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जिससे बिजली विभाग की टीम बिना मीटर बदले ही लौट गई। बिजली विभाग के जेई द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में राजकिशोर चौधरी और एक अन्य व्यक्ति, साहिल चौधरी, पर सरकारी काम में बाधा डालने और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया। इस घटना के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें राजकिशोर चौधरी को जेई के साथ धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता था। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया, जिससे प्रशासन हरकत में आ गया। वीडियो वायरल होने के बाद, बेतिया एसपी शौर्य सुमन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। सदर एसडीपीओ विवेक दीप के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई और आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी की गई। कई प्रयासों के बाद पुलिस ने आरोपी राजकिशोर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। एसपी शौर्य सुमन ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालने और जेई के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में राजकिशोर चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है और अब उन्हें पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। राजकिशोर चौधरी, जन सुराज पार्टी के सक्रिय नेता हैं, और क्षेत्र में अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं। इस घटना ने उनकी दबंगई को और उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अक्सर अपने रसूख का फायदा उठाकर सरकारी कामों में हस्तक्षेप करते रहते हैं। घटना के बाद चौधरी की गिरफ्तारी ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और सरकारी काम में बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई होगी। बेतिया पुलिस की त्वरित कार्रवाई और राजकिशोर चौधरी की गिरफ्तारी ने यह संकेत दिया है कि सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और सरकारी कार्यों में हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिहार में पहले भी ऐसे मामले देखे गए हैं, जहां सरकारी कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी निभाने के दौरान दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है। इस घटना से प्रशासन का सख्त रुख जनता के बीच भी एक सकारात्मक संदेश पहुंचा रहा है। सरकारी कार्यों में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई से लोगों का भरोसा बढ़ा है और यह घटनाक्रम आम नागरिकों के लिए एक उदाहरण बन गया है। बिजली विभाग के जेई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बात कही है। पुलिस की जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या इस मामले में और लोग शामिल थे या घटना में किसी प्रकार की साजिश की संभावना थी। इसके अतिरिक्त, पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा ताकि सरकारी कर्मियों के लिए काम करने का वातावरण सुरक्षित बना रहे। इस घटना के बाद सरकारी कर्मियों को भी आश्वस्त किया गया है कि यदि कोई उनके कार्य में बाधा डालता है या दुर्व्यवहार करता है, तो प्रशासन सख्त कदम उठाएगा। साथ ही, जनता में भी यह संदेश गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह किसी भी पार्टी का नेता क्यों न हो। बेतिया में हुई इस घटना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने जन सुराज पार्टी के नेता राजकिशोर चौधरी की दबंगई पर लगाम लगाई है और यह एक उदाहरण है कि सरकारी कार्यों में बाधा डालने पर किसी भी प्रकार का दबाव या राजनीतिक रसूख काम नहीं आता।
