December 17, 2025

आवास बोर्ड तथा स्थानीय प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं भूमि माफिया,राजीव नगर में जारी है जमीन अवैध खरीद बिक्री,खुलेआम जारी हैं अवैध निर्माण

पटना।(अमृतवर्षा ब्यूरो) बिहार राज्य आवास बोर्ड तथा पटना जिला प्रशासन के बेपरवाह रवैये के वजह से आवास बोर्ड के राजीव नगर में अधिग्रहित 1024 एकड़ जमीन पर भूमि माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से जमीन खरीद- बिक्री तथा बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण का खेल जारी है।आवास बोर्ड तथा स्थानीय प्रशासन को ‘लेन -देन’ के माध्यम से ‘मैनेज’ करके भूमि माफियाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर राजीव नगर के रिक्त भूभाग जिस पर 2018 के बाद किसी भी सूरत में नए निर्माण पर उच्च न्यायालय से रोक है।वहां न सिर्फ खाली पड़े जमीनों की खरीद बिक्री की जा रही है,बल्कि दबंगई के जोर पर जमीन पर कब्जा दिलाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन तथा सरकार की आंखों में धूल झोंक कर नहीं बल्कि खुलेआम चुनौती देकर बड़े पैमाने पर चार दिवारी तथा नए मकान के निर्माण के कार्य को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है।बताया जाता है कि कई भूमि माफियाओं की पहुंच आवास बोर्ड के मुख्यालय से लेकर बड़े प्रशासनिक पदाधिकारी तक है।जिस कारण उनके द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे तथा निर्माण पर अंकुश लगाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है।राजधानी पटना के दीघा तथा राजीव नगर थाना क्षेत्र में बिहार राज्य आवास बोर्ड के अधिग्रहित जमीन पर  किसी प्रकार के निर्माण पर पूरी तरह से लगाई गई रोक के बावजूद अवैध निर्माण का सिलसिला जारी है।राजीव नगर में लंबे अर्से से भूमि माफियाओं के द्वारा करोड़ों की काली कमाई का खेल खेला जा रहा है।अधिग्रहित भूमि की खरीद बिक्री का काला धंधा बदस्तूर जारी है। राजीव नगर के दीघा- आशियाना रोड,घुड़दौड़ मोड, तथा पॉलशन रोड, रोड नं-24,25 समेत कई स्थानों पर जमकर अवैध निर्माण जारी है। इस संबंध में स्थानीय पुलिस प्रशासन का कहना है की अवैध निर्माण को चिन्हित करने तथा रोकने के लिए बिहार राज्य आवास बोर्ड की कार्यपालक अभियंता अधिकृत है।प्रशासन उनके निर्देश पर इस मामले में कार्य करती है।थाना को जब भी सूचना दी जाती है।पुलिस बल कार्रवाई के लिए उपलब्ध कराई जाती है।वहीं दूसरी ओर बिहार राज्य आवास बोर्ड के अधिकारी अवैध निर्माण रोकने की दिशा में अभी तक पूरी तरह से विफल साबित होते रहे हैं। पटना उच्च न्यायालय के द्वारा अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाया गया है। इतना ही नहीं राजीव नगर तथा दीघा थाना में भूमि माफियाओं के विरुद्ध कई मामले दर्ज है।इसके बावजूद अवैध निर्माण का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।माना जाता है कि बड़े पैमाने पर ‘लेन-देन’ के बदले निर्माण को मौखिक स्वीकृति दी जाती है।जिसके फलस्वरुप अवैध निर्माण का कार्य फाइलों में बंद लेकिन हकीकत में चालू रहता है। सबसे गंभीर समस्या यह है की भूमि माफियाओं के द्वारा आवास बोर्ड की अधिग्रहीत जमीन मूल रैयतों के सहमति के बिना कूटरचित दस्तावेजों के बल पर खरीदी बेची जा रही है।जिससे आम लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं।

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