December 17, 2025

पटना में अब जमीन खरीदना होगा महंगा, चार गुना बढ़ेंगे सर्किल रेट, विभाग को भेजा गया प्रस्ताव

पटना। बिहार की राजधानी पटना में जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह खबर बेहद अहम है। आने वाले समय में पटना में जमीन खरीदना पहले से कहीं अधिक महंगा होने वाला है। जिला प्रशासन और निबंधन विभाग की ओर से सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे विभागीय स्तर पर आगे भेज दिया गया है। यदि यह प्रस्ताव मंजूरी पाता है, तो पटना में जमीन की सरकारी कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसका सीधा असर आम लोगों, खासकर मिडिल क्लास परिवारों पर पड़ेगा।
क्या है सर्किल रेट और क्यों है यह अहम
सर्किल रेट वह न्यूनतम सरकारी मूल्य होता है, जिस पर जमीन या मकान की रजिस्ट्री की जाती है। किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री के दौरान रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी इसी सर्किल रेट के आधार पर तय होती है। बाजार में भले ही जमीन की कीमत इससे अधिक हो, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सर्किल रेट को आधार माना जाता है। इसलिए सर्किल रेट बढ़ने का मतलब है कि जमीन की रजिस्ट्री कराना भी महंगा हो जाएगा।
चार गुना तक बढ़ सकती है सरकारी दर
प्रस्ताव के अनुसार पटना के कई इलाकों में जमीन की सर्किल दर तीन गुना नहीं, बल्कि चार गुना तक बढ़ाने की तैयारी है। खासकर अटल पथ, गोला रोड और नहर रोड जैसे तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में स्थित व्यावसायिक जमीन की सर्किल दर चार गुनी तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही शहर की पुरानी और प्रमुख व्यावसायिक सड़कों के आसपास की जमीन की दरों में भी भारी उछाल आने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कुछ इलाकों में सर्किल रेट को बाजार मूल्य के करीब लाने के लिए 410 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। यह बढ़ोतरी पटना के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है।
अलग-अलग सड़कों के हिसाब से बढ़ोतरी
प्रस्ताव में सड़कों और इलाकों के प्रकार के अनुसार अलग-अलग प्रतिशत में सर्किल रेट बढ़ाने की बात कही गई है। व्यावसायिक मुख्य सड़क के पास स्थित जमीन की सर्किल दर में करीब 380 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है। व्यावसायिक सहायक सड़कों के आसपास की जमीन में यह बढ़ोतरी लगभग 350 प्रतिशत तक हो सकती है। वहीं आवासीय मुख्य सड़कों के किनारे स्थित जमीन की सर्किल दर में 265 प्रतिशत तक और आवासीय सहायक सड़कों के पास 200 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इससे साफ है कि चाहे आवासीय जमीन हो या व्यावसायिक, दोनों ही श्रेणियों में जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा।
पटना के प्रमुख इलाकों पर पड़ेगा असर
यदि प्रस्ताव लागू होता है, तो पटना के कई नामी और व्यस्त इलाकों में जमीन की सरकारी कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। राजाबाजार, खाजपुरा, मीठापुर, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, एग्जीबिशन रोड, कंकड़बाग, खेतान मार्केट, पटना मार्केट, हनुमान नगर, बोरिंग रोड, गांधी मैदान और बेली रोड जैसे इलाकों में 400 प्रतिशत तक सर्किल दर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा शेखपुरा में करीब 390 प्रतिशत, अनीसाबाद, न्यू पाटलिपुत्र, पाटलिपुत्र कॉलोनी, लोदीपुर, राजेंद्रनगर गुमटी, काजीपुर, खगौल रोड और न्यू बाइपास रोड में लगभग 350 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। बंगाली टोला, कदमकुआं और सादिकपुर योगी जैसे इलाकों में 320 प्रतिशत, जबकि जक्कनपुर में करीब 300 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ने का अनुमान है।
मिडिल क्लास पर पड़ेगा सीधा असर
इस प्रस्ताव का सबसे बड़ा असर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों पर पड़ेगा। जो लोग दूसरे जिलों से पटना आकर जमीन खरीदने और घर बनाने का सपना देख रहे थे, उनके लिए यह सपना और मुश्किल हो सकता है। सर्किल रेट बढ़ने से न केवल जमीन की कीमत बढ़ेगी, बल्कि रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी भी बढ़ जाएगी, जो आम खरीदार की जेब पर सीधा बोझ डालेगी।
राज्य सरकार को होगा राजस्व लाभ
दूसरी ओर, सर्किल रेट बढ़ने से राज्य सरकार के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। वर्तमान में जमीन की रजिस्ट्री पर करीब 10 प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। सर्किल रेट बढ़ने से यह शुल्क भी बढ़ेगा, जिससे सरकारी खजाने में अधिक पैसा आएगा। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि लंबे समय से सर्किल दरों में संशोधन नहीं हुआ था, जबकि बाजार में जमीन की कीमतें कई गुना बढ़ चुकी हैं।
पहले भी हो चुकी है बढ़ोतरी
पटना में सर्किल रेट का इतिहास देखें तो पहले भी समय-समय पर इसमें बढ़ोतरी होती रही है। वर्ष 2010 में जहां सर्किल रेट करीब 5 लाख रुपये था, वहीं 2011 में यह बढ़कर 10 लाख रुपये हो गया। 2012 में इसमें 22 प्रतिशत, 2013 में 92 प्रतिशत, 2014 में 10 प्रतिशत और 2016 में 42 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद करीब नौ वर्षों तक सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। अब नए प्रस्ताव के लागू होने पर पटना में जमीन के सरकारी मूल्य में अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगने की संभावना है। अंतिम फैसला राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ही होगा, लेकिन इतना तय है कि पटना में जमीन खरीदने की राह अब पहले से कहीं ज्यादा कठिन होने वाली है।

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