December 24, 2025

दार्जिलिंग रेल हादसे पर लालू यादव ने जताया शोक, घटना को लेकर रेलवे पर खड़े किए सवाल

पटना। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं। घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताया है, जबकि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने लगातार हो रहे रेल हादसों पर सवाल उठाते हुए सरकार की आलोचना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।” उन्होंने अधिकारियों से बात कर स्थिति का जायजा भी लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर जा रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस घटना को बेहद दुखद बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “एनएफआर क्षेत्र में बहुत ही दुखद हादसा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने हादसे पर दुख जताते हुए सरकार की आलोचना की है। लालू प्रसाद ने कहा, “देश में लगातार हो रहे रेल हादसों का जिम्मेदार कौन है?” उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर क्यों इन हादसों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। लालू प्रसाद ने कहा कि यह सरकार की विफलता को दर्शाता है और उन्हें जनता को जवाब देना चाहिए। दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताया और राहत कार्यों की समीक्षा की, वहीं दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव ने इस मौके पर सरकार की आलोचना करने का मौका नहीं छोड़ा। रेलवे के अनुसार, हादसे की जांच जारी है और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चल रहा है। प्रभावितों को हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उन्हें हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। इस दुखद घटना ने एक बार फिर से रेल सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। जनता को भी यह भरोसा दिलाया जाए कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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