जातीय जनगणना के बहाने फिर से एक होना चाहते हैं लालू-नीतीश : नागमणि

पटना। बिहार की राजनीति में इस समय जातीय जनगणना का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है। बीजेपी को छोड़ बिहार की सभी बड़ी पार्टियां जातीय जनगणना के पक्ष में दिखाई दे रही है। इस मुद्दे की सबसे बड़ी बात यह है कि बिहार में एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाली पार्टियां जदयू और राजद के सुर भी जातीय जनगणना को लेकर एक समान दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर सीएम नीतीश ने जातीय जनगणना पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार सीएम नीतीश को जाती है जनगणना कराने के मुद्दे पर घेरते नजर आते हैं। लेकिन बिहार की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने एक बड़ा बयान दिया है। जानकारी के मुताबिक बिहार में लगातार उठ रही जातीय जनगणना की मांग को पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने मात्र एक छलावा करार दिया है।
जातीय जनगणना मात्र एक छलावा है, इससे आम जनता को कुछ नही मिलेगा : नागमणि, पूर्व केंद्रीय मंत्री
अपनी द्वारा जारी किए गए बयान में नागमणि ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रदेश में जातीय जनगणना के बहाने सीएम नीतीश और लालू एक बार फिर से एक होना चाह रहे हैं। उन्होंने जातीय जनगणना के मुद्दे पर अपनी बात को बेबाकी से रखते हुए कहा है कि इस मुद्दे से आम जनता को क्या मिलनेवाला है? वही आगे पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने लालू और नीतीश के शासन काल के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीते 30 सालों में लालू-नीतीश ने बिहार को रसताल में पहुँचा दिया हैं। और अगर जनगणना हो भी जाय तो 52 प्रतिशत से 65 प्रतिशत पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का आरक्षण नहीं बढ़ेगा तो जातीय इस जनगणना इस आम जनता को क्या मिलनेवाला है।
लालू-नीतीश को पिछड़े वर्ग से कोई मतलब नही, इनके के नाम पर सत्ता बरकरार रखना उनका मक़सद
इसके साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा है जिस तरह सवर्ण समाज का जनसंख्या देश के पैमाने पर 10 प्रतिशत है उन्हें उनका हिस्सा मिल गया उसी तरह से पिछड़े वर्ग को 52 प्रतिशत हिस्सा की लड़ाई पहले लड़ना चाहिए। फिर जनगणना की लड़ाई लड़नी चाहिए, लेकिन लालू नीतीश को पिछड़े वर्ग की भलाई की चिंता नहीं है। पिछड़े वर्ग के नाम पर सत्ता बरकरार रखना मक़सद है। इसके साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने बड़ा ऐलान करते हुए यह घोषणा की है कि जल्द ही 15 जून से 27 प्रतिशत से 52 प्रतिशत हिस्सा की लड़ाई के लिए धरना का कार्यक्रम किया जाएगा।

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