November 14, 2025

बिहार चुनाव में महागठबंधन का खुला खाता, बोधगया से राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत जीते

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की तस्वीर अब लगभग साफ होने लगी है। 243 सीटों पर जारी रुझानों के आधार पर एनडीए भारी बहुमत की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। पूरे राज्य की राजनीतिक हवा एनडीए के पक्ष में बहती नज़र आ रही है, जिससे यह चुनाव नतीजों के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हो सकता है। वहीं महागठबंधन इस चुनाव में काफी पिछड़ता दिख रहा है और इसका असर सीटों की संख्या में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है।
एनडीए को भारी फायदा
रुझानों के मुताबिक एनडीए 202 सीटों पर आगे चल रहा है, जो 2020 की तुलना में 65 से अधिक सीटों का इज़ाफा है। यह बढ़त बताती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को इस चुनाव में जनता का प्रचंड समर्थन मिला है। इससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और यह उनका दसवां कार्यकाल होगा। यह उपलब्धि किसी भी राजनीतिक नेता के लिए अद्वितीय मानी जाएगी। एनडीए में भाजपा की स्थिति बेहद मजबूत दिख रही है। 92 सीटों पर बढ़त के साथ भाजपा इस समय चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। इस प्रदर्शन से साफ है कि भाजपा ने अपने बूते एनडीए को मजबूत किया है और संगठनात्मक स्तर पर एक प्रभावी चुनाव प्रबंधन पेश किया है। जदयू की भी स्थिति इस बार पहले से काफी बेहतर नजर आ रही है। 2020 में जहां जदयू सिर्फ 43 सीटों तक सिमट गई थी, वहीं इस बार पार्टी 75 से अधिक सीटों पर आगे है। इससे स्पष्ट है कि विगत वर्षों में जदयू ने अपने संगठन को मजबूत किया और जनता के बीच अपनी पकड़ बनाए रखने में सफलता हासिल की।
महागठबंधन में बड़ी गिरावट
उधर महागठबंधन के लिए यह चुनाव निराशाजनक साबित होता दिख रहा है। राजद जहां 27 सीटों पर आगे है, वहीं कांग्रेस की स्थिति तो और भी कमजोर है। कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन केवल 4 सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए है। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि पार्टी बिहार में अपनी राजनीतिक ज़मीन को मजबूत करने की कोशिश में जुटी थी। महागठबंधन के लिए एक और बड़ा झटका यह है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का खाता तक नहीं खुला है। 243 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली इस नई राजनीतिक पार्टी की उम्मीदें जनता ने फिलहाल खारिज कर दी हैं। यह नतीजे दिखाते हैं कि बिहार की राजनीति में स्थापित दलों की पकड़ अभी भी काफी मजबूत है।
बोधगया सीट पर सर्वजीत की जीत
इन तमाम बड़े चुनावी समीकरणों के बीच महागठबंधन के लिए राहत की एक खबर बोधगया सीट से सामने आई है। यहां राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत ने लोजपा आर के उम्मीदवार श्यामदेव पासवान को 881 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। हालांकि वोटों का अंतर बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन चुनाव के अंतिम दो राउंड में सर्वजीत ने बढ़त हासिल कर अपनी जीत सुनिश्चित कर ली। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कुमार सर्वजीत को कुल 100236 वोट मिले, जबकि श्यामदेव पासवान को 99355 वोट प्राप्त हुए। वोटों का यह अंतर बताता है कि बोधगया सीट पर मुकाबला बेहद कांटे का था। अंत तक दोनों ही उम्मीदवार बराबरी की टक्कर देते नजर आए, लेकिन अंतिम चरणों में राजद उम्मीदवार ने निर्णायक बढ़त बना ली।
अंतिम नतीजों का इंतजार
हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी अंतिम और आधिकारिक नतीजे घोषित होने बाकी हैं। रुझान यह संकेत देते हैं कि बिहार में राजनीतिक संतुलन इस चुनाव में बड़े पैमाने पर एनडीए की ओर झुक गया है। महागठबंधन को इस भारी गिरावट के बाद अपनी रणनीति, नेतृत्व और संगठनात्मक बनावट पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता होगी। बिहार की जनता ने इस चुनाव में जिस तरह मतदान किया है, उससे स्पष्ट है कि राज्य में स्थिरता और विकास की अपेक्षाएं काफी बढ़ी हैं। अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग के अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, लेकिन रुझानों ने बिहार की आगामी राजनीतिक दिशा लगभग स्पष्ट कर दी है।

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