केके पाठक तीसरी बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, कैबिनेट सचिवालय में निभाएंगे नई जिम्मेदारी

पटना। बिहार के सख्त और प्रभावी प्रशासनिक अधिकारी माने जाने वाले आईएएस केके पाठक एक बार फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। इस बार उन्हें केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव यानी एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वे बिहार सरकार के राजस्व पर्षद में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
राज्य सरकार ने दी हरी झंडी
केके पाठक ने स्वयं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिसे बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी है। उनकी इस प्रतिनियुक्ति को लेकर प्रशासनिक हलकों में चर्चा है, क्योंकि पाठक अपने सख्त निर्णयों और अनुशासित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।
शराबबंदी में निभाई अहम भूमिका
बिहार में जब शराबबंदी कानून लागू किया गया था, तब उसे जमीनी स्तर पर सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी केके पाठक को दी गई थी। उन्होंने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई कठोर कदम उठाए और शराबबंदी को एक अनुशासित व्यवस्था में बदलने में योगदान दिया। उनके नेतृत्व में राज्य में शराबबंदी के मामलों में तेजी से कार्रवाई हुई थी।
शिक्षा विभाग में सुधारों के जनक
केके पाठक ने शिक्षा विभाग में भी अपनी मजबूत छवि बनाई। जब वे शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव थे, तब उन्होंने स्कूलों में अनुशासन और शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर कई अहम फैसले लिए। उन्होंने छुट्टियों को कम कर पढ़ाई के समय को बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की और समयबद्ध स्कूल संचालन पर ध्यान दिया।
निर्णयों में नहीं झुकते दबाव में
पाठक की कार्यशैली की खास बात यह रही है कि वे किसी भी प्रकार के राजनीतिक या सामाजिक दबाव में आकर अपने फैसले नहीं बदलते। उन्होंने हर विभाग में नियमों और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है, चाहे उसे लागू करने में कितना भी विरोध क्यों न हो।
तीसरी बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
केके पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इससे पहले भी दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। पहली बार वे 2010 में और दूसरी बार फरवरी 2024 में केंद्र सरकार के सेवा में कार्यरत रहे। अब यह तीसरा मौका है जब वे फिर से केंद्र में सेवाएं देने जा रहे हैं। इस बार वे कैबिनेट सचिवालय में उच्च पद पर रहकर प्रशासनिक अनुभवों का लाभ देंगे।
मजबूत प्रशासनिक पहचान
केके पाठक की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को बिहार में प्रशासनिक सेवा की एक बड़ी पहचान के रूप में देखा जा रहा है। उनकी कार्यशैली और सख्ती की पहचान अब राष्ट्रीय स्तर पर फिर से दिखेगी। बिहार में उनकी सख्त छवि और निर्णय लेने की क्षमता को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।
