भूकंप के झटको से डोला किशनगंज, घर से बाहर निकले लोग, कोई नुकसान नहीं
किशनगंज। बिहार के किशनगंज में आज सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों को चौंका दिया। भूकंप का केंद्र सिक्किम में स्थित था, और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकलने लगे, जिससे कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। हालांकि, किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में भय का माहौल देखा गया, और वे दोबारा भूकंप आने की आशंका से डरे हुए थे। भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कुछ लोगों को इसका अहसास भी नहीं हुआ। भूकंप के वैज्ञानिक कारणों को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि पृथ्वी की संरचना चार परतों से बनी होती है, जिनमें से 50 किलोमीटर मोटी परत के नीचे सात प्लेट्स होते हैं। ये प्लेट्स निरंतर गतिमान रहती हैं और जब ये प्लेट्स ज्यादा हिलने लगती हैं, तब भूकंप के झटके महसूस होते हैं। भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है, जिसे 1 से 9 के बीच मापा जाता है। जब भूकंप आता है, तो धरती के अंदर से ऊर्जा की तरंगें निकलती हैं, और इन तरंगों की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। इन्हीं तरंगों के कारण लोग भूकंप के झटकों को महसूस करते हैं। रिक्टर स्केल पर 2.5 से 5.4 की तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है, जिसमें हल्का कंपन होता है। 5.5 से 6 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का खतरनाक होता है और इसमें कम नुकसान होता है। यदि तीव्रता 6 से 7 के बीच होती है, तो यह खतरनाक भूकंप होता है। 7 से 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप को बहुत ज्यादा खतरनाक माना जाता है और इसमें इमारतों के गिरने की संभावना होती है। वहीं, 8 से 9 की तीव्रता वाले भूकंप तबाही मचाने वाले होते हैं, और समुंदर के नजदीकी इलाकों में ये सुनामी को भी जन्म दे सकते हैं, जो अत्यधिक खतरनाक होती है। इस प्रकार, किशनगंज में आज आया भूकंप मामूली श्रेणी में आता है, लेकिन इसके बावजूद लोग दहशत में थे। शुक्र की बात यह है कि इस भूकंप से किसी प्रकार का बड़ा नुकसान नहीं हुआ।


