देश में विपक्षी एकता की मुहिम को लेकर केजरीवाल आज करेंगे ममता बनर्जी से मुलाकात, आगामी रणनीति पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। देश भर में विपक्षी दलों की बैठकों के चल रहे सिलसिले में एक और बैठक मंगलवार को हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोलकाता में राज्य सचिवालय नबन्ना में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश लाने के बाद हो रही है जो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के पक्ष में अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द कर देता है। दोपहर करीब दो बजे होने वाली इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी इसे लेकर दोनों ओर से चुप्पी साधे रखी गई है। विपक्षी एकता की मुहिम में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पहले ही दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। उनकी उस मुलाकात में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना था। अब अचानक से अरविंद केजरीवाल का ममता बनर्जी से मिलना नए सियासी समीकरणों को जन्म दे रहा है। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की आज की ममता के साथ होने वाली बैठक में जो कुछ मुख्य मुद्दे रहेंगे उसमें विपक्षी एकता की कवायद भी एक है। वे नीतीश कुमार की पहल को अन्य दलों से चर्चा करने के तहत ममता से बात कर सकते हैं। दरअसल, कांग्रेस के साथ जिन राज्यों में भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की आमने सामने की लड़ाई है उसमें दिल्ली और पंजाब में आप और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस शामिल है। अगर नीतीश कुमार की पहल पर सभी दल एक साथ आकर भाजपा का मुकाबला करने को राजी भी होते हैं तो सबसे बड़ी चिंता आप और टीएमसी जैसे दलों को लेकर ही है। ये ऐसे राजनीतक दल हैं जो शुरू से कांग्रेस के खिलाफ रहे है।

वही नीतीश सबको एक साथ लाना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल आज की ममता से होने वाली मुलाकात में इसी मुद्दे पर चर्चा कर सकते है। वे यह तय कर सकते हैं आप को टीएमसी को कांग्रेस के साथ वाले विपक्षी एकता वाले गठबंधन में जाना है या फिर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ना है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार की शक्तियों को कमजोर करने के लिए लाये गए अध्यादेश से जुड़े मामले में भी अरविंद और ममता के बीच बात हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी केंद्र का निर्णय क्या देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने वाला है इसे लेकर दोनों साथ में भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाकर आ सकते हैं। ऐसे में एक ओर नीतीश कुमार पहले ही कई राजनीतिक दलों से विपक्षी एकता के लिए मिल रहे हैं। अब ममता और अरविंद की मुलाकात भी उसी कड़ी को आगे बढ़ाने वाली एक योजना के तौर पर देखा जा रहा है। नीतीश कुमार पहले ही पटना में विपक्षी दलों की एक बैठक करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आज की होने की ममता और अरविंद की मुलाकत के बाद इस बैठक की तारीख को अंतिम रूप देने पर भी कोई निर्णय हो सकता है।

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