कल ही मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई आरएसएस नेताओं की-आज गिरिराज लेने लगे सन्यास,आखिर माजरा क्या है?

पटना। बिहार में भाजपा जदयू गठबंधन के मौजूदा सरकार पर कटाक्ष कर के पिछले एक पखवारे से बिहार के राजनीतिक हलकों में सुर्खियों के केंद्र बने केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह राजनीति से सन्यास लेने संबंधी वक्तव्य को प्रकट करके आश्चर्यजनक ऊहापोह की स्थिति पैदा कर दी है।दरअसल बिहार में भाजपा तथा जदयू के संबंधों में चल रहे तथाकथित आपसी नोकझोंक को लेकर कुछ गिरिराज सिंह के समर्थक सोशल मीडिया के मार्फत उन्हें बतौर नए सीएम भी प्रोजेक्ट करने में लगे हुए थे। कहा तो यहां तक जा रहा है गिरिराज सिंह के हालिया बयान से नाराज पार्टी आलाकमान तथा आर एस एस के वरीय लोग भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर गिरिराज सिंह के सोच से इत्तफाक नहीं रखते हैं।भले ही यह महज संयोग ही हो कि कल आरएसएस के संपर्क सह प्रमुख रामलाल की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात होती है और आज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह राजनीति से संयास लेने के बाद करने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को लेकर राजनीतिक महकमो में विशेष चर्चा व्याप्त हो गई है। गिरीराज सिंह का ताजा बयान बेहद चौंका देने वाला है।मुजफ्फरपुर दौरे पर आए गिरिराज सिंह ने कहा है कि अब मेरी राजनीतिक पारी खत्म होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह सब कुछ पूरा कर दिया है जो मैं करना चाहता था। मेरा मकसद राजनीति में सत्ता पाने के लिए या मंत्री विधायक बनने का नहीं था। गिरिराज सिंह ने कहा कि, ‘मेरी राजनीति का मकसद था, जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा हो।गिरिराज सिंह ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा कर दी है।मोदी जी की यह पाली मेरे राजनीतिक जीवन की आखिरी पाली है। गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि ‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पांच सालों में हम सभी कार्यकर्ताओं की उम्मीदें पूरी हो जाएंगी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इसके बाद राजनीति करने का मेरा क्या उद्देश्य होगा?

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