इंडिगो संकट अभी भी बरकरार, आज भी 200 से अधिक विमान रद्द, यात्रियों को भारी परेशानी
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन संकट मंगलवार को आठवें दिन भी कम होता नहीं दिख रहा है। देशभर में हवाई यात्राओं की गति एक बार फिर थम गई है, क्योंकि एयरलाइन ने 230 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी हैं। यह समस्या दिल्ली, बंगलूरू, हैदराबाद और चेन्नई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है, जहां हजारों यात्री घंटों तक फंसे हुए हैं।
बंगलूरू और हैदराबाद से सबसे ज्यादा उड़ानें रद्द
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को अकेले बंगलूरू से 121 उड़ानें रद्द हुई हैं। इनमें 58 आगमन और 63 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं। वहीं हैदराबाद में भी स्थिति काफी गंभीर है, जहां 58 उड़ानें संचालित नहीं हो सकीं। इनमें 14 आगमन और 44 प्रस्थान उड़ानें थीं। रद्द उड़ानों का यह आंकड़ा लगातार बढ़ते संकट की ओर संकेत करता है। एयरलाइन की ओर से किसी सटीक समाधान या सामान्य संचालन की समय-सीमा का खुलकर उल्लेख नहीं किया गया है।
बड़े पैमाने पर परिचालन में गिरावट
इंडिगो हर दिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करती है और भारत के घरेलू हवाई सफर में इसका हिस्सा 65% से भी अधिक है। ऐसे में इसका परिचालन ठप होना पूरे विमानन क्षेत्र पर बड़ा असर डाल रहा है। सोमवार को इंडिगो ने छह बड़े मेट्रो शहरों से ही 560 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी थीं। यात्रियों को न केवल लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है बल्कि उन्हें पुनर्निर्धारित उड़ानों की जानकारी भी समय पर नहीं मिल रही है।
सरकार की सख्ती— स्लॉट कटौती की तैयारी
विमानन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने संकेत दिया है कि एयरलाइन पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। मंत्री के अनुसार— सरकार इंडिगो के शीतकालीन स्लॉट्स में कटौती करेगी। जिन मार्गों पर इंडिगो परिचालन नहीं कर सकेगी, उन्हें अन्य एयरलाइंस को सौंप दिया जाएगा। जब इंडिगो अपनी क्षमता साबित करेगी, तभी ये मार्ग वापस दिए जाएंगे। यह कदम एयरलाइन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि स्लॉट किसी भी एयरलाइन की परिचालन क्षमता और कमाई का बड़ा आधार होते हैं।
प्रमुख हवाई अड्डों पर अव्यवस्था
विमानन मंत्रालय ने मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, गोवा, अहमदाबाद, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का आदेश दिया है।
देशभर से यात्रियों की बढ़ती शिकायतें
अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई और बंगलूरू में यात्रियों की भीड़ एयरलाइन की हेल्पलाइन और काउंटर पर नजर आई। कई यात्रियों को 10–12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर एक यात्री ने बताया मेरी उड़ान 2 बजे रात की थी, जिसे अचानक रात 9 बजे के लिए कर दिया गया। मैं दो दिनों से हेल्पलाइन से बात करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हवाई अड्डे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि टर्मिनल और रनवे संचालन सामान्य हैं और समस्या केवल एयरलाइन की आंतरिक व्यवस्था में है।
ऑपरेशनल संकट का कारण क्या?
इंडिगो ने पहले बताया था कि नई उड़ान ड्यूटी नियमावली के लागू होने की वजह से पायलटों के शेड्यूल में बदलाव करना पड़ रहा है। क्रू प्रबंधन में आई समस्याएँ, संसाधनों की कमी, योजना में व्यवहारिक चुनौतियाँ इसके कारण बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। हालांकि विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि केवल ड्यूटी नियमों में बदलाव इतनी बड़ी समस्या का कारण नहीं हो सकता। एयरलाइन के अंदरूनी प्रबंधन संकट और कर्मचारियों की नाराजगी भी संभावित कारणों में गिने जा रहे हैं।
यात्रियों पर संकट का असर
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से— यात्रियों की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग उड़ानें छूट रही हैं। व्यापार यात्राएँ बाधित हो रही हैं। परिवार यात्राओं में भारी परेशानी हो रही है। अचानक होटल और यात्रा खर्च बढ़ रहे हैं। यात्रियों ने यह भी शिकायत की है कि सहायता डेस्क पर पर्याप्त स्टाफ मौजूद नहीं है और जानकारी देने में अनियमितता बनी हुई है।
क्या जल्द समाधान होगा?
सरकार और डीजीसीए लगातार मामले की निगरानी कर रहे हैं। इंडिगो के सीईओ और अन्य शीर्ष अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। इंडिगो संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र में उथल-पुथल मचा दी है। लगातार आठ दिनों से उड़ानें रद्द होने से यात्रियों का भरोसा हिल रहा है। सरकार सख्ती दिखा रही है, लेकिन समाधान अभी दूर नजर आ रहा है। जब तक एयरलाइन अपनी परिचालन क्षमता बहाल नहीं करती और पायलट-क्रू शेड्यूल व्यवस्थित नहीं होता, तब तक उड़ानों में बड़े पैमाने पर रद्दीकरण जारी रहने की आशंका है।


