पटना में विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन के दलों का विरोध प्रदर्शन, केंद्र के खिलाफ लगाये नारें

पटना। संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को इंडिया के घटक दलों पटना में प्रदर्शन किया। विपक्षी गठबंधन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सांसदों के सस्पेंशन के विरोध में देशभर में प्रदर्शन करने को कहा है। जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के नेताओं को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन में शामिल हुए। पटना में विरोध मार्च इनकम टैक्स गोलंबर से शुरू हुआ। इंडिया गठबंधन के आह्वान पर इससे जुड़ी पार्टियों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों का जो निलंबन हुआ है, उसे वापस लिया जाए। सीपीएम नेता अरुण कुमार ने कहा कि अभी जिस तरह से संसद सदस्यों को बाहर कर दिया गया है। यह पूरी तरह से गलत है। अभी जो कानून बनाए जा रहे हैं, उस पर बहस नहीं हो रही है। पूरी तरह से तानाशाही पर देश चल रहा है। इस सरकार को उखाड़ फेंकना है। इसी की लड़ाई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 143 सांसद सदस्यों की सदस्यता गई है। वहीं दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन पर जदयू के बड़े नेता के शामिल नहीं होने पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। सभी लोग जंतर-मंतर पर शामिल हो रहे हैं। बिहार के बाकी जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन हो रहा है। इसे लेकर आरजेडी ऑफिस में 21 दिसंबर को बैठक की गई थी। इसमें आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, सीपीआई ( माले ) के धीरेन्द्र झा, सीपीआई एम के अरुण कुमार, सीपीआई के रामबाबू कुमार शामिल हुए थे। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता शकील अहमद खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। 13 दिसंबर को लोकसभा में दो शख्स घुस आए थे, उन्हें सांसदों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इसको लेकर विपक्षी सांसद पीएम मोदी और अमित शाह से बयान देने की मांग रहे थे। हंगामे के चलते 14 से 21 दिसंबर तक लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 61 सांसद (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) हैं। उधर, 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई विपक्षी गठबंधन की बैठक में भी सांसदों के सस्पेंशन का मुद्दा उठा था। विपक्षी दलों ने सांसदों के सस्पेंशन की निंदा की और इसके खिलाफ विरोध करने का फैसला किया। 21 दिसंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान खड़गे ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।

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