PATNA : प्रदेश में संक्रमण बढ़ा तो बाज़ार में बढ़ी दवाओं की मांग, 20 दिनों में 4 गुणा अधिक बिकी बुखार और एंटीबायोटिक की दवा

पटना। ठंड के सीजन में कोरोना संक्रमण ने दवा की मंडी में आग लगा दी है। एक तरफ ठंड तो दूसरी तरफ कोरोना ने दवा की डिमांड बढ़ा दी है। हालांकि, दूसरी लहर की तरह बाजार में तेजी नहीं आई है। लेकिन, इसके बाद भी बुखार की दवा ने सीजन का रिकॉर्ड तोड़ा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब कोरोना के साथ सीजन का असर दिखा है। कोरोना और ठंड के कंबीनेशन से बुखार वाली दवा की डिमांड 4 गुणा गया है। एंटीबायोटिक्स और एंटी एलर्जी दवाओं ने दो गुणा जबकि बुखार की दवा ने बिहार में 3 गुणा की रफ्तार पकड़ी है। दवा कंपनी से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर में मारामारी तो नहीं हुई लेकिन पैरासीटामॉल की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ा है।

कोरोना काल में कैसे बढ़ी बुखार वाली दवाएं

2017-18 में बिहार में पैरासीटामॉल का कारोबार 150 से 175 करोड़ सालाना का था, लेकिन कोरोना आते ही इसमें आग लग गई। वर्ष 2020-21 में पैरासीटामॉल की बिक्री बढ़कर 300 करोड़ तक पहुंच गई है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संतोष कुमार का कहना है कि कोरोना काल में सबसे अधिक उछाल पैरासीटामॉल की बिक्री में हुई है। तीसरी लहर में ठंड के साथ कोरोना संक्रमण होने से दवा की डिमांड बढ़ गई है। वर्ष 2020 से 2021 में 300 करोड़ तक पैरासीटामॉल की बिक्री हुई है। वर्ष 2022 में तो जनवरी के 20 दिनों में पैरासीटामॉल की बिक्री 4 गुणा बढ़ी है। वर्ष 2021 में 30 करोड़ एक माह में पैरासीटामॉल का कारोबार रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण ही पैरासीटामॉल की बिक्री बढ़ी है। कोरोना से पहले बिहार में एक माह में 50 से 60 लाख का पैरासीटामॉल एक दिन में बिकता था लेकिन अब इसकी बिक्री एक दिन में 1 करोड़ रुपए पार कर गई है। ऐसा कोरोना के कारण हुआ है, तीसरी लहर में तो ठंड का भी असर दिखा है।

एंटीबायोटिक और एंटी एलर्जी की बढ़ी डिमांड

कोरोना की तीसरी लही में ठंड के कारण दवा की बिक्री का काफी असर दिखाई पड़ा है। पैरासीटामॉल 20 दिन पिछले साल के सीजन से 4 गुणा अधिक बढ़ गया है, वहीं एंटीबायोटिक और एंटीएलर्जी वाली दवाओं की बिक्री दो गुणा बढ़ गया है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संतोष कुमार का कहना है कि वर्ष 2019-20 से पैरासीटामॉल की दवाओं की बिक्री का ग्राफ काफी बढ़ गया है। एक साल में 300 करोड़ की बिक्री का मामला है और एक करोड़ प्रतिदिन की रफ्तार है। इस बार ठंड के साथ कोरोना का संयुक्त अटैक हुआ है। इस कारण से एंटीबायोटिक की मांग दो गुणा बढ़ी है। एंटीबायोटिक और एंटी एलर्जी वाली दवाओं की बिक्री बढ़ी है। संतोष कुमार का कहना है कि इस बार एंटीबायोटिक और एंटी एलर्जी वाली दवाओं की बिक्री थोड़ी कम हुई है, क्योंकि अधिकतर लोगों को लक्षण ही नहीं आया है।

बिना लक्षण वाले संक्रमितों से दवा की डिमांड घटी

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संतोष कुमार का कहना है कि इस बार तीसरी लहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है लेकिन अधिक संख्या में ऐसे लोग रहे जो संक्रमित होने के बाद भी बिना लक्षण वाले हैं। इस कारण से अधिकतर लोगों को दवा की जरूरत ही नहीं पड़ी है। कुछ जिनमें लक्षण भी आए उसमें बुखार और सर्दी खांसी के आए। ऐसे में बहुत लोगों को सामान्य दवा से दो से तीन दिन में सारे लक्षण खत्म हो गए। कुछ ही ऐसे थे जिन्हें थोड़ी समस्या हुई और अस्पताल जाने की नौबत आई है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संतोष कुमार का कहना है कि संक्रमण के बाद भी गंभीर लक्षण नहीं होने से दवा की बिक्री अधिक नहीं हुई, लेकिन पैरासीटामॉल की बिक्री 4 गुणा और एंटीबायोटिक की बिक्री पिछले साल के इस सीजन की तुलना में दो गुणा बढ़ी है।

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