पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन को मिली जान से मारने की धमकी, कहा- मैं डरूंगा नहीं, कानून का समर्थन किया तो धमका रहे

पटना। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन को वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने के बाद जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पटना में इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। शाहनवाज ने साफ कहा कि वह ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे।
फोन और सोशल मीडिया के जरिए मिल रही धमकियां
शाहनवाज हुसैन ने बताया कि उन्हें फोन कॉल्स और सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर अपशब्द कह रहे हैं और उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शाहनवाज का कहना है कि गालियों और धमकियों से उनका हौसला कमजोर नहीं होने वाला है। उन्होंने दोहराया कि वे हमेशा सच्चाई के समर्थन में बोलते आए हैं और आगे भी बोलते रहेंगे।
सीएए पर भी झेला था विरोध
शाहनवाज हुसैन ने याद दिलाया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समय भी उन्होंने साफ-साफ कहा था कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। तब भी बड़े पैमाने पर धरने-प्रदर्शन हुए थे और उन्हें विरोध झेलना पड़ा था। बावजूद इसके वे अपने विचारों पर अडिग रहे। उन्होंने कहा कि अब वक्फ संशोधन बिल पर भी वही हालात बनाए जा रहे हैं, लेकिन सच को सामने लाना उनकी जिम्मेदारी है।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर दी थी बधाई
वक्फ संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद शाहनवाज हुसैन ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए देशवासियों को बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था कि वक्फ संशोधन विधेयक पर किसी को कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। यह बिल पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से लाया गया है और इससे किसी भी समुदाय के अधिकारों को नुकसान नहीं होगा।
सोशल मीडिया पर बढ़ा विरोध
शाहनवाज के फेसबुक पोस्ट के बाद कुछ लोग सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कमेंट करने लगे। कई यूजर्स ने उन्हें धमकियां दीं और अपशब्द कहे। हालांकि शाहनवाज ने स्पष्ट कर दिया कि वे इन सब से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे देश और समाज के हित में हमेशा सही बात का समर्थन करते रहेंगे, चाहे उन्हें इसके लिए कितनी भी धमकियां क्यों न मिलें।
कानून के समर्थन में डटे रहने का संकल्प
पूर्व मंत्री ने दो टूक कहा कि वह देश के कानून और संविधान के समर्थन में हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल के जरिए पारदर्शिता बढ़ेगी और लंबे समय से चल रही कई गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा। अगर किसी को इस कानून से गलतफहमी है, तो उसे तथ्यों को समझना चाहिए, न कि हिंसा और धमकी का रास्ता अपनाना चाहिए।
समर्थकों से मिला समर्थन
शाहनवाज हुसैन को धमकियों के बीच बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके साहस की सराहना की और कहा कि वे सच के साथ मजबूती से खड़े हैं। पार्टी के कई नेताओं ने भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद एक बार फिर से नेताओं और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है लेकिन हिंसा और धमकी का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को गंभीर कदम उठाने होंगे ताकि ऐसे मामलों को सख्ती से रोका जा सके।
