November 1, 2025

प्रदेश में मिड डे मील रसोईया, रात्रि प्रहरी, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय हुआ दोगुना, सीएम ने की घोषणा

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लाखों शिक्षाकर्मियों को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत मिड डे मील के रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय को दोगुना करने की घोषणा की है। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से साझा की।
रसोइयों और रात्रि प्रहरियों को राहत
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत काम करने वाले रसोइयों का मानदेय पहले 1650 रुपये मासिक था, जिसे अब बढ़ाकर 3300 रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब लगातार महंगाई बढ़ रही है और न्यूनतम आय वाले कर्मचारियों पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी तरह, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर अब 10000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने तथा रात्रिकालीन विद्यालय परिसरों की देखरेख को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।
शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को मिला बड़ा प्रोत्साहन
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों को भी इस फैसले से बड़ी राहत मिली है। पहले इनका मानदेय 8000 रुपये प्रति माह था, जिसे अब बढ़ाकर 16000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही इन कर्मचारियों की सालाना वेतन वृद्धि राशि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है। यह निर्णय राज्य सरकार की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें शिक्षा के हर पहलू को महत्व दिया जा रहा है।
शिक्षा में सुधार की दिशा में सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि उनकी सरकार 2005 से ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2005 में राज्य का शिक्षा बजट जहां 4366 करोड़ रुपये था, वहीं वर्तमान में यह बढ़कर 77690 करोड़ रुपये हो गया है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचनाओं में सुधार से राज्य की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री द्वारा किया गया यह ऐलान न सिर्फ इन कर्मचारियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उनके दीर्घकालिक विजन को भी दर्शाता है। यह निर्णय निश्चित ही राज्य के शैक्षणिक ढांचे को मजबूती देगा और इन कर्मियों का मनोबल भी बढ़ाएगा।

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