पटना में राष्ट्रीय हिन्दी मासिक पत्रिका बोलो जिंदगी का हुआ लोकार्पण 

पटना। शुक्रवार को राष्ट्रीय हिन्दी मासिक पत्रिका बोलो जिंदगी का लोकार्पण बिहार विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री नंद किशोर यादव के हाथों उनके ही सरकारी आवास पर संपन्न हुआ। बिहार विधान सभा अध्यक्ष नंद किशोर ने पत्रिका का विमोचन करते हुए कहा कि वर्षों बाद ऐसी बोलो जिंदगी के रूप में पत्रिका देखने पढ़ने को मिली जो सकारात्मक जिंदगी से हमें जोड़ते हुए हमारे आस पास की नकारात्मकता को खत्म करने की कोशिश करती है। पत्रिका में राजनीति से इतर कला संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को ज्यादा महत्व दिया गया है और ऐसे चुनौतीपूर्ण कदम के लिए पत्रिका “बोलो जिंदगी” के युवा संपादक राकेश सिंह ‘सोनू’ को हार्दिक बधाई देता हूं। वहीं पत्रिका “बोलो जिंदगी” के संपादक राकेश सिंह “सोनू” ने कहा कि, “यह पत्रिका मुख्य रूप से कला एवं संस्कृति और सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित है। जिसे पढ़कर जिंदगी से निराश हो चुका व्यक्ति भी कुछ पल के लिए सकारात्मक हो उठता है। प्रबंध संपादक, प्रीतम कुमार ने कहा कि, “बोलो जिंदगी, मासिक पत्रिका के किसी भी अंक को अगर आप कुछ माह,वर्ष बाद भी पढ़ें तब भी नयेपन का एहसास होगा। विशिष्ठ अतिथि बिहार भाजपा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वरुण सिंह ने कहा कि “कला संस्कृति की खबरें और प्रमुखता से इस पत्रिका में प्रकाशित होंगी जो बहुत ही सराहनीय है, इसके लिए संपादक महोदय को ढेरों साधुवाद। वहीं विशिष्ठ अतिथि बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आनंद पाठक ने कहा कि “पहली बार ऐसी पत्रिका देख रहा हुं जो कला संस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों के प्रति समर्पित है. यह पत्रिका अन्य पत्रिकाओं से बिल्कुल अलग है. इस साहसिक कदम के लिए मैं पत्रिका के संपादक को अनंत शुभकामनाएं देता हूं। बोलो जिंदगी पत्रिका लोकार्पण के बाद संपादक ने कार्यक्रम में मौजूद पत्रिका के कुछ नियमित कॉलम राइटर्स, डॉ. किशोर सिन्हा (सैलानी की डायरी), जितेंद्र कुमार सिन्हा (राजनीति), ज्योतिषाचार्य उमेश उपाध्याय (ग्रह गोचर), किरण उपाध्याय (किरण उपाध्याय की रसोई), निशांत कुमार प्रधान (वित्तीय सुझाव) से परिचित कराया गया। संपादक राकेश सिंह सोनू ने बताया कि बोलो जिंदगी पत्रिका में न्यूज की जगह संघर्षिल व्यक्तियों की कहानी और जिंदगी में प्रेरित करने वाली घटनाओं की प्रमुखता होती है।

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