राजधानी के पटना साइंस कॉलेज में बनेगा शानदार हाईटेक लाइब्रेरी, पुराने भवनों का होगा पुनर्निर्माण

पटना, बिहार। राजधानी पटना के सबसे पुराने कॉलेज माने जाने वाले पटना साइंस कॉलेज का एक अलग इतिहास रहा है। बता दें कि इस कॉलेज की नीव 15 नवंबर 1928 को भारत के तात्कालिक वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था। जिसके बाद हर 15 नवंबर को पटना साइंस कॉलेज अपना स्थापना दिवस मनाता है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष पटना साइंस कॉलेज की ओर से कोई स्थापना दिवस कार्यक्रम नहीं रखा गया था लेकिन पटना साइंस कॉलेज के छात्रों को बिहार सरकार बड़ी पर योजनाओं की सौगात देने के बारे में विचार कर रही है।

बताया जा रहा है कि पटना साइंस कॉलेज के कायाकल्प में बदलाव करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से करोड़ो रुपए खर्च किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार कॉलेज कैंपस के पूर्वी भाग की व्यामशाला को फिर से निर्माण किया जाएगा। वहीं अन्य विभागों की बात करें तो भौतिकी रसायन विज्ञान गणित वनस्पति विज्ञान प्राणी शास्त्र भू विज्ञान और सांख्यिकी विभागों के भवनों का भी पुनर्निर्माण करने की योजना बनाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, कॉलेज के प्रशासनिक ब्लॉक के पिछले हिस्से और व्यायामशाला वही कॉलेज के भवन के किनारे के बीच के खुले स्थान में स्थापित करने की योजना है। विचार यह है कि प्रतीकात्मक रूप से सभी विभागों को एक ही कॉलम में शामिल किया जाए। वही इसके साथ भौतिकी विभाग के पास जमीन के एक भूखंड पर एक वातानुकूलित बहुमंजिला नया पुस्तकालय परिसर बनाने की योजना पर विचार किया गया है, जिसमें एक हॉल भी होगा। प्रशासनिक ब्लॉक की पहली मंजिल पर स्थित पुराने पुस्तकालय से पुस्तकें, निर्माण पूरा होने के बाद स्थानांतरित कर दी जाएंगी।