30 जनवरी को नरक निवारण चतुर्दशी व्रत, पूरे दिन उपवास के साथ शिव का होगा पूजन

पटना। माघ कृष्ण चतुर्दशी 30 जनवरी रविवार को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र व हर्षण योग में नरक निवारण चतुर्दशी व्रत मनाया जाएगा। वर्ष में सामान्यत: कुल चौबीस चतुर्दशी होते हैं, जिसमें बारह कृष्ण और बारह शुक्ल पक्ष के होते हैं। जिसमें नरक निवारण चतुर्दशी का अपना विशिष्ट स्थान है। यह चतुर्दशी मिथिलांचल का अतिमहत्वपूर्ण पर्व है। नर्क की यातना व पाप कर्मों के बुरे प्रभाव से बचने तथा स्वर्ग में अपने लिए सुख और वैभव की कामना की चाह रखने वाले श्रद्धालु इस दिन महादेव की पूजा-आराधना कर पूरे दिन का व्रत रखते हैं और सूर्यास्त के बाद बेर खाकर करते है। यह व्रत यूपी और बिहार में खासकर मिथिला में खूब प्रचलित है।
महादेव को अतिप्रिय है यह व्रत
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि नरक निवारण चतुर्दशी व्रत भगवान महादेव को अत्यंत प्रिय है, इसीलिए इस दिन श्रद्धालु पार्थिव पूजन, जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कर रुद्राष्टक, पंचाक्षर स्त्रोत्र, लिंगाष्टक, शिवपुराण, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। शिवपुराण के अनुसार, इसी दिन पर्वतराज हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती की शादी का प्रस्ताव भगवान शिव के पास भेजा था, यानी इसी दिन भगवान शिव का विवाह तय हुआ और महाशिवरात्रि को इनका विवाह संपन्न हुआ था। इस व्रत को करने से सहस्त्र अश्वमेध यज्ञ तथा सैकड़ों वाजपेयी यज्ञ जैसे दुर्लभ पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत में शिव पूजा में बेलपत्र तथा बेर चढ़ाने से मनचाहा वर प्राप्त होता है। इस दिन संध्या में इस व्रत का पारण मिथिला पंचांग के अनुसार शाम 05:23 बजे के बाद होगा। वहीं बनारसी पंचांग के तहत संध्या 05:25 बजे के बाद किया जाएगा।
उपवास से दूर होते कष्ट
पंडित झा ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति का महान शिव उपासना पर्व नरक निवारण चतुर्दशी रविवार को पड़ने से इस दिन भगवान सूर्यदेव, लक्ष्मी-नारायण की आराधना करने से नाना प्रकार के पीड़ाओं से भी छुटकारा मिलेगा। शास्त्रों के मुताबिक संसार के प्राणियों पर भीषण संकट का कोई विकल्प नहीं बचने की स्थिति में नरक चतुर्दशी व्रत और पूजा रामबाण है। दांपत्य जीवन में असंतोष और वैवाहिक बाधा दोष निवारण के लिए यह व्रत वरदान सिद्ध होते हैं।
शिव पूजन शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि : प्रात: 06:37 बजे से शाम 03:39 बजे तक
चर-लाभ-अमृत मुहूर्त : प्रात: 07:57 बजे से 12:03 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:41 बजे से 12:25 बजे तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त : 01:25 बजे से 02:47 बजे तक

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