PATNA : रुक्मणी बिल्ड टेक द्वारा निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स अपार्टमेंट के गार्ड को मारपीट व पेशाब पिलाने का मामला

  • न्यायालय ने केस उठाने की धमकी का लिया संज्ञान, आरोपियों के खिलाफ एस सी एस टी एक्ट में दर्ज हुआ मुकदमा

पटना। पटना के संपतचक के भोगीपुर गांव के पास रुक्मणी बिल्ड टेक द्वारा निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी ग्रींस एकतापुरम अपार्टमेंट के गार्ड श्रवण दास के साथ मारपीट एवं पेशाब पिलाने के मामले में आरोपितों की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ने वाली है। मारपीट व पेशाब पिलाने के मामले में आरोपित किए गए लोगों द्वारा केस उठाने की धमकी दिए जाने का न्यायालय ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने गोपालपुर थाना को नोटिस भेज कर आरोपी के द्वारा केस उठाने की धमकी दिए जाने के मामले में जवाब मांगा है। इतना ही नहीं इस मामले में कोर्ट ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। पीड़ित सुरक्षा गार्ड श्रवण दास के अधिवक्ता सौरभ विश्वंभर ने बताया कि माननीय 83-स्पेशल कोर्ट SC-ST ने मामले को गंभीरतापूर्वक लिया तथा SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गोपालपुर थाना से कारवाई कर रिपोर्ट तलब किया है। पीड़ित सुरक्षा गार्ड श्रवण दास ने माननीय न्यायालय को अपने पीड़ा व शिकायत मे बताया था कि गोपालपुर थाना मे पेशाब पिलाने वाले दर्ज मुकदमे को वापिस लेने के लिए रुक्मणी बिल्डटेक के निदेशक एवं सनमत NGO के हेड अमित कुमार चौबे ने पेशाब पिलाने वाले काण्ड के नामजद अभियुक्तो के मोबाइल से 26 अगस्त 2023 को कई बार कॉल कर के केस उठाने के लिए गाली-गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी थी। वही इस मामले में पीड़ित सुरक्षा गार्ड श्रवण दास ने 25 सितम्बर 2023 को माननीय न्यायालय के समक्ष संबंधित मामले का मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल करने व अपने तथा अपने परिवार के सुरक्षा की गुहार लगाया था।
क्या है पूरा मामला
संपतचक प्रखंड के एकतापुरम अंतर्गत रुक्मणी बिल्डटेक द्वारा एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट परिसर के दलित सुरक्षा गार्ड की पिटाई एवं जबरन पेशाब पिलाने का मामला गोपालपुर थाने मे दर्ज कराया गया था। वही इस घटना का विडियो वायरल होने के पश्चात मानवाधिकार आयोग एवं पुलिस मुख्यालय कमजोर वर्ग के सक्रिय होने पर तत्कालीन ASP काम्या मिश्रा ने स्वयं घटनास्थल का दौरा कर मामले को सही पाया था। फलस्वरूप गोपालपुर थाना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना मे शामिल 7 अपराधियों कान्तेश रंजन, समीर रंजन, कमलेश कुमार, विवेक कुमार, अनिल कुमार, प्रभु एवं सुबोध कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एकमात्र नामजद फरार अभियुक्त सुधीर सिंह की जमानत अर्जी को SC-ST कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया था। सुधीर सिंह को उच्च न्यायालय से भी जमानत नही मिला है और मामला विचाराधीन है।

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