December 3, 2025

शीतकालीन सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण: कहा- 5 साल में एक करोड़ रोजगार देगी सरकार, 5.2 लाख हुई शिक्षकों की संख्या, 27 जिलों में बनेंगे मेडिकल कॉलेज

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यपाल अरबिंद मोहम्मद खान ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण किया। हालांकि शुरुआत में तकनीकी दिक्कत आई और उनका माइक्रोफोन खराब हो गया, लेकिन राज्यपाल ने बिना रुके कुछ मिनट बाद जोर से बोलते हुए अपना संबोधन जारी रखा। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम ने भी आस-पास देखने के बाद स्थिति को सामान्य होते देखा। राज्यपाल के संबोधन में बिहार सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और आने वाले वर्षों के विकास एजेंडे पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण की प्रमुख योजनाओं को रेखांकित किया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव और नियुक्तियों का उल्लेख
राज्यपाल ने बताया कि बिहार में शिक्षकों की संख्या बढ़कर 5.2 लाख हो गई है। यह संख्या राज्य के शिक्षा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। उन्होंने कहा कि लगातार नियुक्तियों और स्कूल सुधार कार्यक्रमों के कारण अब शिक्षा व्यवस्था अधिक मजबूत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आईजीआईएमएस को 3000 बेड के बड़े अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे मेडिकल स्टडी और हॉस्पिटल सेवा क्षेत्र दोनों में बड़ी प्रगति होगी। इसके कारण बिहार के छात्रों को अब पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां आकर पढ़ सकेंगे।
सभी 27 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यपाल ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उनके अनुसार राज्य के सभी 27 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का काम तेजी से हो रहा है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य भी पूरा होगा।
अगले पाँच साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना
राज्यपाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 40 लाख युवाओं को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार दिया गया है। सरकार का लक्ष्य आगामी पाँच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराना है। यह घोषणा राज्य के युवाओं के लिए उम्मीद की किरण के रूप में देखी जा रही है। सरकार कौशल विकास, उद्योग प्रोत्साहन और सरकारी नियुक्तियों को तेज गति से आगे बढ़ाने के प्रयास में है।
125 यूनिट फ्री बिजली और छतों पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी
ऊर्जा क्षेत्र में राज्यपाल ने बताया कि बिहार सरकार ने सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दे दी है। इससे लाखों परिवारों को आर्थिक सहायता मिली है। इसके साथ ही सरकार अब सभी घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की योजना पर काम कर रही है। इससे बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और ऊर्जा संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक कदम
राज्यपाल के अभिभाषण में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी उपलब्धियों को विशेष स्थान दिया गया। उन्होंने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने 2006 में पंचायत चुनावों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया। पुलिस और सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण भी इसी नीति का परिणाम है। उन्होंने बताया कि जीविका कार्यक्रम से अब राज्य में 11 लाख समूह बन चुके हैं और 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। नई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। शेष को भी जल्द सहायता राशि मिलेगी। तलाकशुदा महिलाओं के लिए सहायता राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है तथा उनके पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
ग्राम परिवहन योजना और अल्पसंख्यक कल्याण के कार्य
ग्राम परिवहन योजना अब पंचायत स्तर पर लागू कर दी गई है। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा मजबूत होगी। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी उल्लेख किया गया, जिनमें छात्रवृत्ति, कौशल विकास और आवासीय शिक्षा परियोजनाएँ शामिल हैं।
विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव और शपथ प्रक्रिया
सत्र के दौरान यह भी स्पष्ट हो गया कि जदयू नेता नरेंद्र नारायण यादव एक बार फिर विधानसभा उपाध्यक्ष बनने जा रहे हैं। उनका नामांकन हो चुका है और उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। शपथ ग्रहण प्रक्रिया में 241 विधायकों ने शपथ ले ली है। केवल दो विधायकों—मोकामा के अनंत सिंह और कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय—का शपथ बाकी है। राज्यपाल का अभिभाषण बिहार सरकार की विकास यात्रा और भविष्य की योजनाओं का विस्तृत खाका पेश करता है। शिक्षकों की संख्या में वृद्धि, मेडिकल कॉलेजों का विस्तार, बिजली पर राहत, महिलाओं के लिए व्यापक योजनाएँ और रोजगार पर विशेष फोकस यह संकेत देते हैं कि सरकार आने वाले वर्षों में तेज गति से काम करने का इरादा रखती है। शीतकालीन सत्र का यह तीसरा दिन न केवल अभिभाषण के कारण महत्वपूर्ण रहा, बल्कि बिहार की आगामी दिशा और नीतियों को लेकर भी निर्णायक साबित हुआ।

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