नीतीश को ‘नकलची’ कहने पर भड़के अशोक चौधरी, कहा- जो काम हुआ क्या तेजस्वी ने किया, चुनाव में पता चलेगा
पटना। बिहार की राजनीति में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘नकलची’ कहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर अब बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने तीखा प्रहार किया है। उन्होंने न केवल तेजस्वी के आरोपों का जवाब दिया, बल्कि इंडिया गठबंधन की वोट अधिकार यात्रा और चुनावी बहिष्कार की बातों को भी सख्त लहजे में खारिज किया।
वोट अधिकार यात्रा पर सवाल
अशोक चौधरी ने इंडिया गठबंधन की वोट अधिकार यात्रा को राजनीतिक दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि ये लोग एक तरफ मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हैं और दूसरी ओर अपने पूरे परिवार का नाम दर्ज करवा रहे हैं। अगर वाकई में इतनी गड़बड़ी है, तो चुनाव आयोग ने एक महीने का समय सुधार के लिए क्यों दिया? उनके अनुसार, जिन्हें मौका नहीं मिला, वही गड़बड़ी का आरोप लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
मां सीता मंदिर शिलान्यास का मुद्दा
सीतामढ़ी में मां सीता के भव्य मंदिर के शिलान्यास पर भी चौधरी ने बयान दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से इस मंदिर के निर्माण के प्रयास में थे। राज्य सरकार ने कई मंदिरों का निर्माण करवाया है और यह सब सरकारी प्रयासों से संभव हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने को उन्होंने शुभ संकेत बताया।
चुनाव आयोग और कोर्ट के मामलों पर टिप्पणी
तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग से नोटिस मिलने पर चौधरी ने कहा कि फरवरी में वे खुद आयोग गए थे और अब जब आयोग मतदाता पहचान पत्रों की जांच कर रहा है, तो इसे कोर्ट में लंबित मामला बताकर बहस से बचना ठीक नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायालय में लंबित मामलों पर सार्वजनिक बहस उचित नहीं है, क्योंकि यह कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
चुनाव बहिष्कार पर प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव बहिष्कार की बात पर अशोक चौधरी ने कहा कि अगर कोई बहिष्कार करता है तो यह उसकी इच्छा है, लेकिन इससे चुनाव रुकते नहीं। कई बार कुछ लोग चुनाव में भाग नहीं लेते और तब भी दूसरे लोग चुनकर आ जाते हैं। उनके अनुसार, बहिष्कार का न तो लोकतंत्र पर बड़ा असर होता है और न ही इससे कोई असाधारण स्थिति बनती है।
नीतीश को ‘नकलची’ कहने पर तीखा जवाब
नीतीश कुमार को नकलची कहे जाने पर चौधरी ने कहा कि क्या अब तक राज्य में हुए सभी विकास कार्य तेजस्वी यादव की नकल पर हुए हैं? उन्होंने आंकड़ों के साथ जवाब देते हुए बताया कि जब नीतीश कुमार सत्ता में आए थे, तब 40% लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जो अब घटकर 16-17% रह गए हैं। क्या यह भी नकल का नतीजा है?
विकास कार्यों का हवाला
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि पहले बिहार में केवल 3% घरों में शौचालय थे, जबकि अब यह संख्या 96% हो चुकी है। पटना में कभी सिर्फ 6 घंटे बिजली मिलती थी, और गांवों में तो बिजली के तार तक नहीं थे। आज स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह सब तेजस्वी यादव की घोषणाओं की नकल करके हुआ है? अशोक चौधरी के इन बयानों से स्पष्ट है कि आने वाले चुनावों में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच विकास के दावों और राजनीतिक रणनीतियों को लेकर तीखी टक्कर देखने को मिलेगी।


