December 23, 2025

सीएम के बचाव में उतरे गिरिराज सिंह, कहा- उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, विपक्ष कर रहा गलत प्रचार

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम के दौरान हुई एक घटना को लेकर विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर विपक्ष जहां मुख्यमंत्री पर तीखे सवाल उठा रहा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह खुलकर सीएम नीतीश के बचाव में सामने आए हैं। गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ भी गलत नहीं किया है और इस पूरे मामले को बेवजह तूल देकर गलत प्रचार किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
मंगलवार को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1,200 से अधिक आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह कार्यक्रम राज्य सरकार के स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े प्रयासों का हिस्सा था। इसी दौरान मंच पर एक ऐसी घटना हुई, जिसने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया। कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र लेने के लिए पहुंची एक युवती ने नकाब (चेहरा ढका हुआ) पहन रखा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उससे बात करने लगे, तो उन्होंने उसके चेहरे से नकाब हटा दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर महिला की निजता और सम्मान से जुड़े सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।
विपक्ष का हमला तेज
घटना के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। विपक्ष का आरोप है कि किसी भी महिला की सहमति के बिना इस तरह का व्यवहार अनुचित है और यह उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई। विपक्ष इसे मुख्यमंत्री के आचरण से जोड़ते हुए सवाल उठा रहा है।
गिरिराज सिंह का खुला समर्थन
विपक्ष के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का खुलकर बचाव किया। मीडिया से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, इसमें गलत क्या है? अगर कोई नियुक्ति पत्र लेने आया है, तो उसे अपना चेहरा दिखाने से क्यों डरना चाहिए?” उन्होंने आगे कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में पहचान जरूरी होती है। गिरिराज सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा, जब आप वोट देने जाते हैं, तो क्या आप अपना चेहरा नहीं दिखाते? फिर यहां ऐसा क्या गलत हो गया?” गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूरा मामला जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
यह कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार देने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर सैकड़ों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सरकार का दावा है कि इस तरह के कार्यक्रमों से राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी और युवाओं को स्थायी रोजगार मिलेगा।
सम्राट चौधरी की भूमिका
वीडियो में यह भी देखा गया कि जैसे ही मुख्यमंत्री ने युवती का नकाब हटाया, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दृश्य को भी विपक्ष ने अपने आरोपों के समर्थन में पेश किया। हालांकि, सरकार समर्थक नेताओं का कहना है कि इसे संदर्भ से अलग कर देखा जा रहा है और वीडियो का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
मंत्री जमा खान का बयान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में सहयोगी और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने भी इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा नीतीश जी ने इसमें कोई गलत भावना नहीं दिखाई। उन्होंने बस एक मुस्लिम बेटी के प्रति स्नेह और प्यार प्रकट किया है। वे चाहते थे कि समाज उस लड़की का चेहरा देखे, जिसने अपनी मेहनत से सफलता हासिल की है। जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री का उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि एक सकारात्मक संदेश देना था कि बेटियां आगे बढ़ रही हैं और समाज को इस पर गर्व करना चाहिए।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बिहार की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता मुख्यमंत्री के समर्थन में एकजुट नजर आ रहे हैं। बीजेपी और जदयू के नेताओं का कहना है कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए ऐसे मामलों को तूल दिया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर दो धड़े साफ नजर आ रहे हैं। एक वर्ग मुख्यमंत्री के कदम को गलत बता रहा है, तो दूसरा वर्ग इसे सामान्य और बेवजह उछाला गया मुद्दा मान रहा है। वीडियो के अलग-अलग हिस्सों को शेयर कर लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा यह मामला अब केवल एक घटना तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह राजनीतिक बहस और आरोप-प्रत्यारोप का विषय बन चुका है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और सरकार के अन्य नेताओं के समर्थन से साफ है कि सत्तापक्ष इस मुद्दे पर पीछे हटने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को कितना आगे ले जाता है और इसका बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

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