कार्तिक पूर्णिमा पर पटना के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सैकड़ों लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी

पटना। कार्तिक मास की पूर्णिमा को भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का प्रकट हुआ था। यही वजह है कि कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पटना के गंगा घाटों पर अल सुबह सूर्य की रोशन निकले से पहले ही लोग गंगा स्नान के लिए जा पहुंचे। घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ देख वातावरण भक्तिमय हो गया। गंगा आरती के साथ-साथ दान दक्षिणा की गई। बरारी घाट, विक्रमशिला सेतु घाट आदि पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का महत्व वर्णित है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था। यही कारण है कि इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा कहा जाता है। वही कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान पर राजधानी के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लोग भारी संख्या में पहुंचे। गंगा घाटों पर भगवान विष्णु के पूजन के साथ साथ,अमला ,बेलपत्र इत्यादि चढ़ा कर पूजा करते है वही आज के दिन मान्यता के अनुसार तुलसी विवाह का लोग पूजा करते हैं। इस दौरान किसी प्रकार के हादसे से बचने के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे।
पटना के गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मंगलवार को पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर आस्था और श्रद्धा का नजारा दिख रहा है। कार्तिक महीने की पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। लोगों में ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पुण्य प्राप्ति के लिए लोग गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही मां गंगा की पूजा-अर्चना भी करते हैं। स्नान के बाद भक्तों ने बहती गंगा में दीप दान एवं अन्न दान तथा भुआ में गुप्त दान भी किया। लोगों ने गंगा स्नान व पूजा अर्चना कर परिवार एवं समाज में सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की।

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