फतुहा में तेजी से बड़ा गंगा का जलस्तर, थाना परिसर में घुसा पानी, कई गाड़ियां डूबी
फतुहा। जिले के फतुहा क्षेत्र में गंगा नदी के जलस्तर में बीते कुछ दिनों से लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस बाढ़ जैसे हालात का असर अब सरकारी परिसरों पर भी साफ दिखने लगा है। फतुहा स्थित नदी थाना परिसर में गंगा का पानी घुस चुका है, जिससे वहां रखी गई जब्त गाड़ियां और अन्य सामान खतरे में आ गए हैं। पहले यह पानी केवल परिसर के बाहर तक सीमित था, लेकिन अब लगातार अंदर की ओर बढ़ रहा है, जिससे वहां की स्थिति गंभीर हो गई है।
थाना परिसर में खतरे की स्थिति
नदी थाना परिसर में पुलिस द्वारा जब्त किए गए कई वाहन और अन्य अहम सामग्री रखी गई है। पानी के प्रवेश करने के कारण इन पर बह जाने या क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है। विशेष रूप से गाड़ियां जो लंबे समय से जब्त कर रखी गई थीं, अब जलस्तर की चपेट में आ गई हैं। जलधारा तेज होने की स्थिति में इनके बह जाने की आशंका बनी हुई है।
प्रशासन ने उठाए एहतियाती कदम
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए थाना प्रशासन ने तत्परता दिखाई है। सभी गाड़ियों और अन्य जब्त वस्तुओं को लोहे की चेन और जंजीरों से मजबूती से बांधा जा रहा है, ताकि जलप्रवाह के कारण वे बह न जाएं। नदी थाना अध्यक्ष राजू कुमार ने जानकारी दी कि जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे सुरक्षा के इंतजाम भी तेज किए जा रहे हैं। इस कार्य में पुलिस बल पूरी सतर्कता से जुटा हुआ है।
कामकाज पर असर और आगे की चुनौतियाँ
थाना परिसर में पानी घुसने से पुलिस के दैनिक कार्यों पर भी असर पड़ने लगा है। न तो थाने की सामान्य गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल पा रही हैं और न ही आम लोगों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो पा रही है। अगर जलस्तर में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही, तो पूरा थाना परिसर जलमग्न हो सकता है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्य बाधित होंगे, बल्कि रिकॉर्ड, दस्तावेज और जब्त सामग्रियों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
फतुहा का यह थाना पटना जिले के उन इलाकों में आता है, जो हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग इस अनुभव के आधार पर पहले से ही सतर्क हैं। अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन और रणनीति तैयार कर रहे हैं। राहत कार्यों से जुड़े विभाग भी अलर्ट पर हैं ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को मदद पहुंचाई जा सके।
स्थानीय लोगों की चिंता
नदी थाना परिसर में पानी घुसने से स्थानीय लोगों की भी चिंता बढ़ गई है। उन्हें डर है कि अगर पानी इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो यह आस-पास के रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर सकता है। कई लोग पहले से ही अपने घरों से सामान हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे हैं। प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और हर संभव सहायता की अपेक्षा कर रहे हैं।
नदी का स्वभाव और मौसम की भूमिका
गंगा नदी का यह व्यवहार पूरी तरह मानसूनी बारिश पर निर्भर है। उत्तर बिहार और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में यह तेजी देखी जा रही है। अगर बारिश जारी रही, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है। इसके अलावा कई छोटे-छोटे सहायक नालों और नदियों का पानी भी गंगा में आकर इसे और अधिक उफनाने का काम कर रहा है। फतुहा में गंगा का बढ़ता जलस्तर प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। थाना परिसर में पानी घुसने से न केवल सरकारी संपत्ति पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि पुलिस के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समय रहते कदम उठाए हैं, लेकिन आगे की परिस्थितियाँ पूरी तरह मौसम और बारिश पर निर्भर करेंगी। यह जरूरी है कि स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाए और आवश्यक होने पर समय रहते सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए, ताकि किसी भी संभावित संकट से बचा जा सके।


