September 17, 2025

पटना में पारिवारिक कलह से परेशान होकर मजदूर ने की आत्महत्या, साड़ी से लगाया फंदा, पत्नी का सास पर का आरोप

पटना। राजधानी पटना के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत मोकामा थाना क्षेत्र से बुधवार देर रात एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक घटना सामने आई है। मोदनगाछी मोहल्ले में रहने वाले 40 वर्षीय मजदूर उपेंद्र यादव ने अपने ही घर के छज्जे में साड़ी से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पूरे इलाके में शोक और स्तब्धता का कारण बन गई है।
पारिवारिक विवाद बना आत्महत्या की वजह
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात उपेंद्र यादव का अपने भाइयों के साथ किसी पारिवारिक कारण को लेकर झगड़ा हुआ था। विवाद इतना बढ़ गया कि उपेंद्र के भाइयों ने उनकी जमकर पिटाई कर दी। अगले दिन बुधवार की सुबह मुखिया और स्थानीय लोगों की पहल पर दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया था। बावजूद इसके, उपेंद्र ने देर रात ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मामला सिर्फ झगड़े तक सीमित नहीं था बल्कि लंबे समय से उपेंद्र मानसिक दबाव में जी रहे थे।
स्थानीय लोगों के अनुसार उपेंद्र के साथ पहले भी होता था अत्याचार
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि उपेंद्र यादव के साथ इस प्रकार की मारपीट की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। वह दो बच्चों के पिता थे और एक साधारण मजदूर के रूप में अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनके जानने वालों का मानना है कि परिवार के भीतर से लगातार दबाव और अपमानजनक व्यवहार ने ही उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
उपेंद्र की पत्नी ने इस घटना के बाद जो बयान दिया, वह और भी गंभीर स्थिति को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि सास आशा देवी ने उपेंद्र से पैसे की मांग की थी और पैसे न देने पर उन्हें घर छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया। पत्नी के अनुसार इस तरह का व्यवहार उपेंद्र को मानसिक रूप से तोड़ रहा था और वह काफी समय से परेशान चल रहे थे।
सूचना मिलने पर पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय चौकीदार राहुल कुमार ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ भेजा गया। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने पोस्टमार्टम के बाद पुष्टि की कि उपेंद्र यादव की मौत फांसी से हुई है।
पुलिस जांच में जुटी
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। चूंकि घटना के पीछे घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना की संभावना जताई जा रही है, इसलिए पुलिस इस दिशा में साक्ष्य और बयान जुटाने का प्रयास कर रही है। परिजनों की ओर से भी आत्महत्या की बात कही जा रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि मामला आत्महत्या का ही है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की गहराई से जांच की आवश्यकता है। यह घटना एक बार फिर इस सच्चाई को उजागर करती है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह किस हद तक किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से तोड़ सकती है। एक मेहनतकश मजदूर जिसने जीवन भर अपने परिवार के लिए संघर्ष किया, उसे अपनों के व्यवहार ने आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों की सुध लेना अब आवश्यक हो गया है।

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