November 28, 2025

साइबर अपराधियों ने चीफ जस्टिस के नाम पर किया फर्जीवाड़ा, दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मामला

नई दिल्ली। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। इस बार साइबर अपराधियों ने सीधे देश के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) डीवाई चंद्रचूड़ का नाम इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की। इस मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है और सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। मामला तब उजागर हुआ जब एक शख्स को सोशल मीडिया पर एक मैसेज मिला। मैसेज में लिखा था, “हैलो, मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हूं। कॉलेजियम के साथ हमारी एक महत्वपूर्ण बैठक है और मैं कनॉट प्लेस में फंस गया हूं। क्या आप मुझे कैब के लिए 500 रुपये भेज सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट पहुंचते ही मैं पैसे वापस कर दूंगा।” मैसेज के अंत में भेजने वाले की डिवाइस के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसमें लिखा था- “सेंट फ्रॉम आइपैड। यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी था, और इसका मकसद सिर्फ धोखाधड़ी करना था। जैसे ही इस घटना की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को मिली, तुरंत साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई गई। इस तरह की घटना दिखाती है कि साइबर अपराधी किस हद तक जा सकते हैं, और इसके लिए वे किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति या संस्थान का नाम उपयोग करने से नहीं हिचकते। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठा रही है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश की राजधानी दिल्ली में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराध से बचने के लिए दिल्ली पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने के प्रयास कर रही है। हालांकि, इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए हर नागरिक को सतर्क रहना जरूरी है। दिल्ली में यह मामला अकेला नहीं है। देशभर में साइबर अपराध का जाल फैला हुआ है। केरल पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल राज्य में 23,753 लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हुए, जिससे उन्हें लगभग 201 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं, पिछले दो महीनों में 6,700 लोगों के लगभग 98 करोड़ रुपये चोरी कर लिए गए। साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के चलते पुलिस की साइबर विंग को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, केरल पुलिस की साइबर विंग इस चोरी की गई राशि का केवल 20 प्रतिशत ही वापस पाने में सफल रही है। इसके अलावा, 5,107 बैंक खाते और 3,289 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया गया था। यह घटना साइबर अपराधियों की धूर्तता और उनकी पहुंच को स्पष्ट करती है। साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल के जवाब में कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा से जुड़े सभी उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस इस तरह के मामलों पर नज़र रख रही हैं और साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए हमें और अधिक सतर्क और जागरूक होना होगा।

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