October 5, 2024

केजरीवाल को ईडी का चौथा समन, 18 जनवरी को पूछताछ के लिए ऑफिस बुलाया

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीएम केजरीवाल को ईडी का यह चौथा समन भेजा है। इससे पहले उन्हें 3 जनवरी और पिछले साल 2 नवंबर और 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। तीनों बार केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। सीएम केजरीवाल की ओर से 3 जनवरी को ईडी से कहा गया था कि वे राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उनसे जो भी पूछना हो लिखित में भेज दें। इसके पहले 2 नवंबर को केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया था। 21 दिसंबर का समन मिलने के बाद केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर चले गए थे। आम आदमी पार्टी ने 3 जनवरी को कहा- हम ईडी की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ईडी का समन गैरकानूनी है। ये केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है, ताकि लोकसभा चुनाव में केजरीवाल प्रचार न कर सकें। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा- ईडी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को चुनाव से पहले नोटिस भेजे थे और उन पर झूठे आरोप लगाए थे। अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी गठबंधन के नेता हैं। जांच एजेंसी अपना काम करने के बजाय विपक्षी नेताओं पर दबाव डाल रही है। वहीं भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा- आज भी केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होने से यह समझ आता है कि उनके पास कुछ छिपाने के लिए है। वह अपराधियों की तरह छिपते फिर रहे हैं। कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ईडी उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ईडी समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। पीएमएलए एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है। अगर सीएम केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है। इसी साल अप्रैल में शराब नीति केस में सीएम केजरीवाल से सीबीआई ने अपने ऑफिस में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान लगभग 56 सवाल पूछे गए। केजरीवाल सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर एजेंसी के ऑफिस पहुंचे थे और रात 8:30 बजे बाहर आए। केजरीवाल ने कहा था की मैंने सीबीआई के सभी सवालों के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आप कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे। वे आप को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।

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