इंडिया गठबंधन केवल दलों के निजी स्वार्थ के लिए बना, यहां देशहित की कोई भावना नहीं : सम्राट चौधरी

- विपक्षी गठबंधन मे घमासान पर बीजेपी का हमला, सम्राट बोले- एनडीए इन सब को एक साथ हारने का काम करेगी
पटना। बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होना है लेकिन उसके पहले ही विपक्षी गठबंधन टूटा हुआ दिखाई दे रहा है। बुधवार को तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा के लिए था विधानसभा के लिए हम लोग अलग-अलग नीति पर काम करेंगे और अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, तेजस्वी की इसी बयान पर गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा था कि कांग्रेस देश की राष्ट्रीय पार्टी है बिहार में कांग्रेस को हल्के में लेने की गलती ना की जाए अगर कोई हमें हल्के में लेता है तो हम भी उसे हल्के मे लेंगे। अब इसी मामले पर भाजपा ने भी पक्षी गठबंधन पर हमला किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विपक्षी गठबंधन पर हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि इंडिया गठबंधन में जितने लोग हैं वह केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए एक साथ आए हैं उनमें गठबंधन कोई भाव नहीं। इंडिया गठबंधन के अंदर उठे इस घमासान पर भाजपा ने इसे अवसर के रूप में लिया और विपक्षी एकता पर सवाल खड़े किए। सम्राट चौधरी ने कहा कि गठबंधन में शामिल दल केवल अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं और व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए साथ आए हैं। उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन के दलों का मुख्य उद्देश्य केवल अपने राज्यों और अपनी पार्टी के हितों को सुरक्षित करना है। इनमें देशहित की भावना का पूरी तरह से अभाव है। कांग्रेस, राजद और अन्य दल केवल अपनी-अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त हैं। भाजपा और एनडीए इन सबको मिलकर हराने का काम करेगी। बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही विपक्षी दलों के बीच मतभेद उभरकर सामने आने लगे हैं। तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेताओं के बयानों ने गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने इसे विपक्षी दलों के स्वार्थपूर्ण राजनीति का प्रमाण बताया। सम्राट चौधरी ने अपने बयान में कहा कि भाजपा और एनडीए का लक्ष्य विपक्षी दलों को हराकर विकास की राजनीति को आगे बढ़ाना है। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों के आपसी मतभेद और स्वार्थ जनता के सामने उजागर हो चुके हैं। भाजपा इसे बिहार और अन्य राज्यों में अपने लिए लाभकारी मान रही है। इंडिया गठबंधन के भीतर चल रही खींचतान ने जहां विपक्ष की एकता पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं भाजपा इसे अपने लिए एक मजबूत अवसर के रूप में देख रही है। सम्राट चौधरी का बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा विपक्षी दलों के आपसी विवाद को चुनावी लाभ में बदलने की रणनीति पर काम कर रही है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विपक्षी दल इन मतभेदों को सुलझाकर एकजुट होते हैं या यह गठबंधन पूरी तरह बिखर जाता है।
