पटना में बाइक टक्कर विवाद में दो पक्षों में मारपीट, महिला समेत 7 घायल, दो की हालत गंभीर

पटना। जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत खलजाहांचक गांव में शनिवार को बाइक की मामूली टक्कर के बाद दो पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गया। इस झड़प में एक महिला सहित कुल सात लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मामूली बहस से शुरू हुआ विवाद
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब सीएसपी संचालक संतु कुमार बाइक से मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की ओर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में एक दूसरी बाइक से उनकी टक्कर हो गई। शुरुआत में इस टक्कर को लेकर दोनों पक्षों में थोड़ी बहस हुई, लेकिन बात बढ़ने से पहले ही दोनों पक्ष वहां से चले गए। हालांकि विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। शाम को जब संतु कुमार अपना सीएसपी सेंटर खोल रहे थे, तभी दूसरा पक्ष करीब दस लोगों के साथ वहां पहुंचा। उनके हाथों में लोहे की रॉड, डंडे और लाठियां थीं। आते ही उन्होंने गाली-गलौज शुरू कर दी और फिर मारपीट पर उतर आए। इस हिंसा में संतु कुमार के परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हुए, जो उन्हें बचाने के लिए आए थे।
सात लोग घायल, दो की हालत गंभीर
इस हमले में घायल लोगों की पहचान अनिल रविदास, अखिलेश कुमार, सत्यम कुमार, रौशन कुमार, पिंटू कुमार, संतु कुमार और संजय मोची के रूप में हुई है। इनमें से अनिल रविदास और अखिलेश कुमार की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बाढ़ में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
बाइक नुकसान को लेकर बढ़ा तनाव
घायल संजय मोची ने बताया कि झगड़ा बाइक की टक्कर से हुए नुकसान की भरपाई को लेकर शुरू हुआ था। पहले तो मामूली विवाद था लेकिन शाम होते-होते यह रंजिश में बदल गया और पूरी तरह से हिंसा में तब्दील हो गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही थाना अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह के नेतृत्व में 112 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि अब तक किसी भी पक्ष की ओर से पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और शिकायत मिलते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बाइक की एक मामूली टक्कर कैसे बड़ी हिंसा का रूप ले सकती है, इसकी मिसाल इस घटना ने पेश की है। यह घटना बताती है कि समाज में छोटी-छोटी बातों को सुलझाने की बजाय लोग हिंसा की राह पर तेजी से चल रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस को जल्द से जल्द दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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